इस्लामाबाद (Islamabad) । पाकिस्तान (Pakistan) से दो दिनों में लगातार दो हार्डकोर आतंकवादियों (terrorists) की मौत की खबर सामने आ रही है। शनिवार को पाकिस्तान स्थित मोस्ट वांटेड आतंकवादी कमांडरों (Most Wanted Terrorist Commanders) में से एक शेख जमील-उर-रहमान (Sheikh Jameel-ur-Rahman) को खैबर पख्तूनख्वा के एबटाबाद में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया है। रहमान यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का महासचिव और तहरीक-उल-मुजाहिदीन (टीयूएम) का अमीर था। वह कश्मीर के पुलवामा के रहने वाला था।
अक्टूबर 2022 में गृह मंत्रालय द्वारा उसे आतंकवादी घोषित किया गया था। उसकी मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। एक अधिकारी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल था और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ भी काम करता था। आपको बता दें कि हाल के कुछ महीनों में पाकिस्तान में रहस्यमय परिस्थितियों में कई आतंकवादी मारे गए हैं या मृत पाए गए हैं।
टीयूएम का गठन जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान में विलय करने और अखिल-इस्लामवादी पहचान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। समूह को अपने शुरुआती वर्षों में एक बड़ा झटका लगा जब इसका संस्थापक यूनुस खान 1991 में एक मुठभेड़ में मारा गया। वहीं, यूजेसी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए पाकिस्था स्थित जिहादी संगठनों का एक समूह था। इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल बद्र, हिजबुल मुजाहिदीन और कई अन्य आतंकी संगठन शामिल थे।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, यूजेसी का इस्लामिक स्टेट से प्रेरित जेके-आईएस और अल-कायदा की शाखा अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों के साथ टकराव चल रहा है।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि टीयूएम को पाकिस्तान, बांग्लादेश, सऊदी अरब, ब्रिटेन, अमेरिका और खाड़ी देशों से धन प्राप्त हुआ है। उसके पास मुख्य रूप से अहल अल-हदीस परंपरा की सदस्यता लेने वाले संगठनों से फंड आ रहे हैं।
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