वाशिंगटन । कांग्रेस सांसद(Congress MP) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition in Lok Sabha)राहुल गांधी इन दिनों तीन दिन की अमेरिका यात्रा(US trip) पर हैं। रविवार को वह टेक्सास के डलास (Dallas, Texas)पहुंचे और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में छात्रों से कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत समेत कई देशों में रोजगार बड़ी समस्या बन रहा है। वहीं चीन में बेरोजगारी की दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान ना देने की वजह से बेरोजगारी का संकट पैदा हुआ है। भारत में रोजगार देने के लिए इस सेक्टर में सुधार की जरूरत है।
राहुल गांधी ने कहा, पश्चिम में रोजगार की दिक्कत है। भारत में भी बेरोजगारी है। लेकिन बहुत सारे ऐसे भी देश हैं जिनमें बेरोजगारी नहीं है। चीन में रोजगार का संकट नहीं है। वियतनाम में भी यह परेशानी नहीं है। वहीं दुनिया में बहुत सारे देश हैं जो कि रोजगार के संकट से जूझ रहे हैं। अगर आप अमेरिका को ही देखें तो 1940, 50 और 60 में यह वैश्विक उत्पादन का केंद्र था। यहां कार, वॉशिंग मशीन, टीवी सभी चीजें बनाई जाती थीं। इसके बाद यह प्रोडक्शन कोरिया और जापान चला गया। चीन ने मैन्युफैक्चरिंग सेट्क पक़ लिया। अब चीन का वैश्विक उत्पादन में बड़ा योगदान है। भारत को भी रोजगार बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देना होगा। भारत यह नहीं कह सकता कि मैन्युफैक्चरिंग चीनियों के लिए है। हमें लोकतांत्रिक माहौल में प्रोडक्शन बढ़ाने पर काम करना होगा। जब तक हम ऐसा नहीं करते, बेरोजगारी का संकट दूर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत में बिना मैन्युफैक्चरिंग को सुधारे बेरोजगारी का संकट दूर नहीं होगा। और हमारी राजनीति में ध्रुवीकरण भी इसी वजह से होता है।
राहुल गांधी ने कहा, भारत में अधिकतर चीजें ‘मेड इन चाइना’ हैं। इसीलिए चीन सफल है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया। इतने में बहुत सारे उद्योग खड़े हो सकते थे। उन्होंने कहा कि जब हम जनता का कर्ज माफ करते हैं तो सवाल किए जाते हैं लेकिन जब कुछ लोगों का इतना कर्ज माफ कर दिया गया तो किसी ने सवाल नहीं किया।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कुछ लोगों को ही बड़े-बड़े प्रोजेक्ट दे दिए जाते हैं। एक या दो को ही पोर्ट्स और डिफेंस के कॉन्ट्रैक्ट दिए जा रहे हैं। इस वजह से भारत में मैन्युफैक्चरिंग की हालत खराब हो गई है। विपक्ष की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा, बोलने से ज्यादा सुनना जरूरी है। सुनने से लोगों को बेहतर समझा जा सकता है। उन्होंने कहा, विपक्ष जनता की आवाज होती है। संसद युद्धक्षेत्र की तरह होता है जहां शब्दों से लड़ाई लड़ी जाती है। लेकिन जरूरी है कि यह समझदारी और संवेदनशीलता के साथ हो।
भारत जोड़ो यात्रा पर क्या बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि देश में संवाद के रास्ते बंद हो गए थे। इसलिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, चार हजार किलोमीटर की यात्रा की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि संवाद नहीं हो पा रहा था। संसद में हमने जब बात कहने की कोशिश की तो उसे प्रसारित नहीं किया गया। मीडिया ने हमारी बात नहीं उठाई। ऐसे में लोगों तक पहुंचने के लिए यही एक तरीका था।
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