डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
यह सही है कि योग का लाभ एक दिन में नहीं मिलता। इसे दिनचर्या में शामिल करना आवश्यक है। फिर भी योग दिवस स्वस्थ्य जीवन का सन्देश अवश्य देता है। शायद यही कारण था कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश में वैक्सिनेशन का कीर्तिमान स्थापित हुआ। सरकार की गाइडलाइन भी सार्थक प्रमाणित हुई। योग दिवस पर लगभग इक्यासी लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई। जबकि भारत में वैक्सिनेश की शुरुआत नकारात्मक राजनीति के साथ हुई थी। देश के अनेक जिम्मेदार नेताओं ने वैक्सीन को लेकर अनावश्यक सवाल व आशंकाएं व्यक्त की थी। इनके बयानों से निराशा व भ्रम का माहौल बना। जाहिर है कि ऐसे नेताओं ने देश व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया।
अच्छा यह रहा कि प्रारंभिक आशंकाओं के बाद लोगों में जागरूकता आई। वे वैक्सिनेशन के प्रति प्रेरित हुए। वैक्सीन पर तो पहले दिन से ही जमकर नकारात्मक राजनीति हुई। इसके बाद भी आमजन इससे भ्रमित नहीं हुआ। देश में अट्ठाइस करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वैज्ञानिक बहुत ही कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर लेंगे। अप्रैल में जब कोरोना के कुछ हजार केस थे, तभी केंद्र ने वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन कर दिया था। भारत के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को हर तरह से सपोर्ट किया गया। वैक्सीन निर्माताओं को क्लीनिकल ट्रायल में मदद की गई। रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए जरूरी फंड दिया गया। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत मिशन कोविड सुरक्षा के जरिए हजारों करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए।
वैक्सीन आई तो शंकाओं आशंकाओं को बढ़ाया गया। जब से भारत में वैक्सीन पर काम शुरू हुआ, तभी से कुछ लोगों ने ऐसी बातें कहीं जिससे आम लोगों के मन में शंका पैदा हुई। कोशिश ये भी हुई कि वैक्सीन निर्माताओं का हौसला पस्त हो, बाधाएं आईं। भांति-भांति के तर्क प्रचारित किए गए। वैक्सीन को लेकर आशंका और अफवाहें फैलाई गयी। अब देश इन बातों से आगे बढ़ गया है। वैक्सीनेशन को तेज गति से संचालित किया जा रहा है। कोविड वैक्सीनेशन की नई संशोधित गाइडलाइन लागू होने के पहले दिन ही रिकॉर्ड बना है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन से टीकाकरण की गति को तेज कर दिया गया है। केंद्र सरकार वैक्सीनेशन उत्पादन में से पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा खरीद रही है जबकि पच्चीस प्रतिशत टीका प्राइवेट अस्पताल खरीद सकेंगे।
भारत में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर जागरुकता लाने के लिए शुरू किये गए- जान है तो जहान है -अभियान का भी शुभारंभ किया गया। हज कमेटियां, वक्फ बोर्ड, वक्फ से जुड़े शैक्षणिक संस्थान, केंद्रीय वक्फ काउंसिल, मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की नई रोशनी योजना के अंतर्गत कार्यरत महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप एवं स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। सरकार और समाज ने सावधानी, संवेदनशीलता,संयम के संकल्प के साथ इस कोरोना महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन का ग्राफ बढ़ने का विश्वास व्यक्त किया।
केंद्र सरकार ने पैंतालीस वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पहले ही निःशुल्क वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध करायी थी। अठारह वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध हो रही है। योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। कहा कि इसमें उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक लाभ होगा। क्योंकि प्रदेश में अठारह वर्ष से ऊपर के सोलह करोड़ लोगों को वैक्सीन से आच्छादित करना है। उत्तर प्रदेश में छिहत्तर सौ केंद्रों पर वैक्सिनेशन कार्य का शुभारंभ हुआ। इसके पहले उत्तर प्रदेश में स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए निःशुल्क कोरोना वैक्सीनेशन अभियान प्रारम्भ किया गया था। इनमें स्ट्रीट वेण्डर्स, पटरी दुकानदार, ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि के लिए स्पेशल बूथ बनाये गये थे। योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की कि वैक्सीन लेने के बाद भी सावधानियां बरतें तथा दो गज की दूरी मास्क है जरूरी मंत्र का पालन अवश्य करें। वैक्सीन लेने से घबराने की आवश्यकता नहीं है। लोग किसी भी भ्रम या अफवाह पर ध्यान न दें। वैक्सीन ही एकमात्र सुरक्षा कवच है। सभी नागरिकों को सुरक्षा कवच देने के लिए वैक्सीनेशन सबसे सशक्त माध्यम है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से प्रदेश में वृहद पैमाने पर अठारह वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष दिसम्बर तक अठारह वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक नागरिक को पूरी तरह वैक्सीनेट करते हुए सुरक्षा कवच प्रदान किया जाए। वैक्सीनेशन कार्य में तीव्रता लाने एवं लोगों को वैक्सीनेशन की सर्वसुलभता हेतु विभिन्न समूहों पर फोकस करते हुए कार्यक्रम बनाये गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा अभिभावक स्पेशल बूथ पर बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी प्रकार जूडीशियरी तथा मीडिया के लिए अलग बूथ तथा शिक्षक एवं सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग बूथों पर वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन के पहले चरण में सभी हेल्थ वर्करों को वैक्सीन देने का कार्य किया गया। द्वितीय चरण में एक फरवरी से कोरोना वारियर्स का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराया गया। तृतीय चरण में साठ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को निःशुल्क कोविड वैक्सीन की सुविधा प्रदान की गयी। इसके पश्चात चौथे चरण में पैंतालीस वर्ष से अधिक के आयु के लोगों के लिए कोविड वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। एक मई से अठारह से पैंतालीस वर्ष के आयुवर्ग के लिए निःशुल्क वैक्सीन राज्य सरकार उपलब्ध करवा रही थी। 21 जून से भारत सरकार इस आयु वर्ग के लिए निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है।
प्रदेश में आज से छह लाख लोगों का प्रतिदिन कोरोना वैक्सीनेशन किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। जुलाई के प्रथम सप्ताह से दस लाख से बारह लाख वैक्सीन प्रतिदिन देने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण के प्रति जागरुकता लाने एवं कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा कोरोना वैक्सीन पर फैलाई जा रही आशंकाओं अफवाहों को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)