इंदौर, प्रदीप मिश्रा। कैंसर (cancer) के मरीजों का संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है। अकेले इंदौर के एमवाय परिसर स्थित सरकारी कैंसर अस्पताल (Government Cancer Hospital at MY Campus) में हर साल लगभग 4500 मरीज इलाज कराने आते हैं। इसके अलावा शहर में अन्य निजी अस्पतालों में भी इसका इलाज कराते हैं। कैंसर अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर रमेश आर्य (Dr. Ramesh Arya) के अनुसार इंदौर (Indore) के सरकारी सहित कई अन्य अस्पतालों में हर साल 12000 से ज्यादा कैंसर के मरीज इलाज कराने आते है। इनमें से अकेले सरकारी कैंसर अस्पताल (government cancer hospital) में हर साल 250 मरीजों की मौत हो जाती है। सबसे बड़ी दु:ख की बात यह है कि इस बीमारी से मरने वालों में युवा वर्ग की संख्या सबसे ज्यादा होती है।
सरकारी अस्पताल में लगभग 4500 मरीजोंं के अलावा शहर के अन्य अस्पतालों (hospitals) में इलाज कराने वाले लगभग 8 हजार मरीजों में से हर साल लगभग 1500 की कैंसर से मौत हो जाती है। कई मरीजों की मौत का आंकड़ा इसलिए सामने नहीं आ पाता, क्योंकि इलाज के दौरान मरीज जब अंतिम स्टेज पर आता है तब अस्पताल वाले मरीज की छुट्टी यह कहकर कर देते हैं कि इन्हें अब दवा की नहीं दुआओं की जरूरत है। जो मरीज घर पहुंचने के बाद इस बीमारी से मर जाते हैं उनकी गिनती डेथ रिकॉर्ड में शामिल नहीं होती।
डॉक्टर आर्य ने बताया कि कैंसर मरीजों का अनुसंधान व शोध (research) करने पर पता चला है कि सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज 20 से 45 उम्र के युवा होते हैं, जो गुटखा, पाउच, तंबाकू, स्मोकिंग ड्रग्स का सेवन करते हैं। इसके अलावा फास्टफूड, जंकफूड का इस्तेमाल भी इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या उन युवाओं की होती है, जो रेडीमेड गुटखे पाउच का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिसका पावडर मसाला तंबाकू से हजार गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
युवा लडक़ों में जहां स्मोकिंग, गुटखा, तंबाकू मसाला पाउच सबसे ज्यादा कैंसर की वजह है तो वहीं युवतियां व लड़कियां ब्रेस्ट कैंसर से ज्यादा पीडि़त हैं, जो विवाह की प्राकृतिक उम्र में शादी नहीं करती। ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त युवतियों में सबसे ज्यादा संख्या उन लड़कियों की है, जिनकी 25 साल की उम्र होने के बाद भी शादी नहीं हुई है। मेडिकल साइंस के अनुसार लड़कियों की शादी 21 से 25 साल तक हो जाना चाहिए, जिसके कारण वह मां बन सके और शिशु को स्तनपान करा सके।
विवाहिताओं में कैंसर की वजह
सही समय पर विवाह नहीं करने के कारण युवतियां ब्रेस्ट कैंसर (girls breast cancer) से पीडि़त हो जाती हैं, वहीं शादीशुदा महिलाओं में लंबे समय तक गर्भ निरोधक दवाइयों के इस्तेमाल की वजह से गर्भाशय के अंदर बच्चादानी में कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है।
इस उम्र के मरीज कम
आश्चर्य की बात यह है कि कैंसर पीडि़त 45 साल उम्र पार वालों की संख्या युवाओं की अपेक्षा बहुत ही कम है। इसकी वजह खान-पान, जीवनशैली में अंतर होना है। यदि इस उम्र के मरीजों को यह बीमारी हुई भी तो इनकी मृत्युदर बहुत ही कम है।
इन कारणों से भी होता है कैंसर
कैंसर की बीमारी की जकड़ में आने के मुख्य कारण जहां तंबाकू व पान मसाला संबंधित पाउच औऱ स्मोकिंग (Pouches and Smoking) तो है ही, वहीं आलस्यपूर्ण दिनचर्या और आरामदायक जीवनशैली, खानदानी बीमारी सहित बढ़ता प्रदूषण और बिगड़ता पर्यावरण भी है।
कैंसर हॉस्पिटल ने जनजागरण रैली निकाली
इंदौर आज देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल द्वारा विश्व कैंसर दिवस के विशेष अवसर पर राजबाड़ा से महात्मा गांधी स्टैच्यू रीगल तिराहा तक जनजागरण रैली निकाली गई। इस संदेश को नारों के साथ बुलंद किया- हमें कैंसर से डरना नहीं, लडऩा है – कैंसर को हराना है। इस संकल्प के अलावा खान-पान, जीवनशैली पर विशेष ध्यान देकर हम अपने देश की भारी आबादी को कैंसर रोग की चपेट में आने से रोक सकते हैं।
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