412 भूखंड आवंटनों की कुंडली तैयार…. 8 जून तक आपत्तियां लेंगे…
इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था (Devi Ahilya Shramik Workers Home Construction Organization) द्वारा विकसित अयोध्यापुरी और श्री महालक्ष्मी नगर के सदस्यों की विस्तृत जांच प्रशासन ने करवाई और 200 पेजों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार हुई, जिसमें एक-एक भूखंडधारक की कुंडली पहली बार तैयार की गई है। अयोध्यापुरी में 412 भूखंडों में से मात्र 45 इस सूची में पात्र बताए गए हैं। हालांकि अभी 8 जून तक दावे-आपत्तियां ली जाएंगी और छोटी-मोटी चूक के कारण अपात्र घोषित हुए 200 से अधिक भूखंडधारकों पात्र भी हो सकेंगे। इस जांच रिपोर्ट से कई रसूखदारों द्वारा कबाड़े गए अवैध भूखंडों का भी खुलासा हुआ है।
अग्निबाण (Agniban) लगातार संस्थाओं के इन घोटालों को उजागर करता रहा है और तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने अयोध्यापुरी के साथ-साथ मजदूर पंचायत की पुष्प विहार कॉलोनी में भी पात्र भूखंडधारकों को कब्जे दिलवा दिए थे। चूंकि उस वक्त यह कार्रवाई ताबड़तोड़ इसलिए की गई थी, ताकि भूखमाफियाओं के चंगुल से जमीनें बचाई जा सके और सदस्यों को कब्जे दिलवा दें। उसके बाद जब पात्रता की जांच-पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि एक ही परिवार के 5-5 सदस्यों ने भूखंड हथिया लिए, तो कई नाबालिग को भी पात्र बताकर भूखंड दे दिया गया। नतीजतन कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने पिछले दिनों जनसुनवाई में मिली शिकायतों के बाद अयोध्यापुरी और श्री महालक्ष्मी नगर की सदस्यता सूची की जांच करने और पात्रता निर्धारित करने के निर्देश सहकारिता विभाग को दिए और इसके लिए एक जांच कमेटी भी बनाई, जिसने अभी अलग-अलग तरह की सूचियां तैयार की हैं, जिसमें इंदौर से बाहर रहने वालों को किस तरह सदस्य बनाकर भूखंडों का आबंटन किया गया, उसका तो खुलासा किया ही गया, वहीं कई रसूखदारों ने किस तरह अवैध रूप से भूखंड कबाड़े उसकी भी पोलपट्टी उजागर हो गई। अयोध्यापुरी में 412 भूखंडों में से 200 से अधिक भूखंड छोटी-मोटी त्रुटियों के चलते अपात्र घोषित किए गए हैं, जिनमें दावे-आपत्तियों के बाद सुधार संभव है। दूसरी तरफ इस विस्तृत जांच रिपोर्ट के खुलासा के बाद हडक़म्प भी मचा है और अवैध रूप से भूखंड कबाडऩे वाले अब नई जोड़-तोड़ में जुटे हैं। यहां तक कि संस्था अध्यक्ष अजमेरा ने ही 5 भूखंड कबाड़ लिए, जबकि पात्रता एक भूखंड की ही साबित हुई।
सिम्प्लेक्स की रजिस्ट्री जल्द कोर्ट से हो जाएगी शून्य
अयोध्यापुरी की कुछ जमीनें चर्चित भूमाफियाओं ने भी हड़प रखी है, जिसमें सिम्प्लेक्स मेगा फाइनेंस के नाम 4 एकड़ जमीन है, जिसके चलते सुरेन्द्र-प्रतीक संघवी, दीपक जैन मद्दे के साथ डायरेक्टर मुकेश खत्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी और अभी ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है। दूसरी तरफ संस्था के पंजीयन की बहाली के बाद अब जल्द ही कोर्ट से इसकी रजिस्ट्री भी शून्य हो जाएगी।
10500 स्क्वेयर फीट का संस्था द्वारा किया अनुबंध भी उजागर
संस्था द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के साथ आवेदकों द्वारा जो दावे-आपत्तियों के आधार पर जो रिकॉर्ड तैयार हुआ उसमें जहां कई खेल पता लगे, तो एक मामला अमित शाह द्वारा प्रस्तुत आपत्ति से उजागर हुआ, जिसमें संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष के साथ एक अनुबंध 12.08.96 को किया गया, जिसमें 10500 स्क्वेयर फीट विकसित जमीन देने का अनुबंध है। हालांकि जांच में सक्षम न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर न्यायिक उपचार प्राप्त करने की स्वतंत्रता फिलहाल दी गई है।
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