इंदौर। इन दिनों अवैध परिवहन और उसके खनन का काम जोर-शोर से चल रहा है। हालांकि कलेक्टर आशीष सिंह ने कई मामलों में कार्रवाई भी करवाई है। इंदौर-उज्जैन रोड पर धड़ल्ले से कालोनियां काटी जा रही है, जिसके चलते क्षेत्र की पहाडिय़ों को खोद डाला है, जिसमें मंत्री से लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों का सीधा संरक्षण है। यहां तक कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक पर तो प्रशासन ने 140 करोड़ रुपए पेनल्टी तक अवैध खनन के मामले में आरोपित कर रखी है।
जैतपुरा, बारोली से लेकर अन्य जगह ये अवैध खनन चल रहा है, तो राऊखेड़ी तालाब सहित अन्य जगह भी अवैध गिट्टी-मुर्रम खोदी जा रही है और सडक़ निर्माण करने वाले बड़े ठेकेदार भी इसमें लिप्त हैं। अभी जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों ने भी इन मंत्री-विधायकों के संरक्षण में हो रहे अवैध खनन का मामला उठाया है। पिछले दिनों एक विधायक के पुत्र भी अवैध खनन की कार्रवाई रूकवाने मौके पर पहुंचे और उन्होंने खनीज विभाग के अधिकारियों पर दबाव-प्रभाव भी बनाया, जिसके चलते डम्पर और अन्य सामग्री तो जब्त की गई, मगर विधायक पुत्र के खिलाफ कोई प्रकरण नहीं बना।
मौके से ड्राइवर भी भाग खड़ा हुआ। यहां तक कि जैतपुरा की खदान में डूबने से तीन बच्चों की मौत भी हो गई थी। दरअसल, कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए मंत्री के पुत्र भी इस अवैध खनन में लिप्त हैं। यहां तक कि कांग्रेस नेता और अभी किसान आंदोलन में सक्रिय हंसराज मंडलोई का कहना है कि एक तरफ सांवेर के विधायक और मंत्री तुलसीराम सिलावट किसानों की कोई मदद नहीं कर रहे और उनको दी गई जानकारी के बावजूद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है, तो दूसरी तरफ उनके पुत्र सहित अन्य समर्थक अवैध खनन में जुटे हैं। खुदाई कर गिट्टी-मुर्रम बेच दी गई।
खाती पिपल्या, हतुनिया, लसुडिय़ा से लेकर जैतपुरा सहित अन्य क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। चूंकि इंदौर-उज्जैन रोड पर अभी बीते एक साल में सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त में तेजी आई और धड़ल्ले से कालोनियां कट रही है, जिनमें रसूखदार, कालोनाइजरों के साथ-साथ मंत्री-विधायक भी शामिल हैं। खासकर जैतपुरा और उससे जुड़ी पहाडिय़ों को तो खोद ही डाला है और जमीन को समतल किया जा रहा है, तो इन पहाडिय़ों पर भी कॉलोनियां काटकर तेजी से मकानों का निर्माण भी चल रहा है। इसी तरह धनखेड़ी में भी तीन मासूम बच्चे खोदे गए गड्ढों में डूबकर मर गए थे। इसी तरह कई अन्य हादसे हो चुके हैं।
एक तरफ किसान अपनी बाप-दादाओं की जमीनों को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है और धड़ल्ले से अवैध खनन पहाड़ों से लेकर तालाबों के आसपास किया जा रहा है। यहां तक कि सडक़, ओवरब्रिज बनाने वाले बड़े-बड़े ठेकेदारों द्वारा भी बायपास, सुपर कॉरिडोर, आउटर रिंग रोड से लेकर अन्य प्रोजेक्टों के लिए सरकारी तालाबों, जमीनों की खुदाई की जा रही है। इसी तरह का आरोप शहर के एक जाने-माने ठेकेदार पर लगा है, जिनकी फर्म के पास इंदौर-हरदा एनएच-59 सहित कई बड़े सडक़ों के ठेके हैं। तालाब गोगाखेड़ी और खुड़ैल खुर्द और तालाब खेमना में धड़ल्ले से अवैध खुदाई कर मुर्रम निकालने के आरोप लगे हैं।
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