उज्जैन। प्रदेश में डायल 100 व्यवस्था में लगी सभी पुरानी गाडिय़ों को बदलकर अब नई गाड़ी खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया गया हैं। इसमें उज्जैन की 28 पुरानी गाडिय़ाँ भी बदलकर नई खरीदी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन में लगभग 28 डायल 100 वाहन वर्ष 2014 में आए थे, जिसमें से अधिकांश वाहन अब कंडम हो चुके हैं, तो कुछ थाने में खड़े धूल खा रहे हैं। ऐसे में पुलिस की जरूरत पडऩे पर लोगों को तत्काल मदद नहीं मिल पा रही है। चूंकि अब डायल 100 में लगी पुरानी खटारा गाडिय़ों को बदलकर अब नई गाड़ी खरीदने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने इसके लिए करीब 1500 करोड़ रूपए का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें उज्जैन सहित प्रदेश भर में कुल 1200 डायल 100 गाडिय़ाँ खरीदी जाएँगी। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग से भी स्वीकृति मिल चुकी है। वित्त विभाग ने स्वीकृति देकर प्रस्ताव को फिर से गृह विभाग के पास भेज दिया गया है। अब किसी भी कैबिनेट में प्रस्ताव को रखा जा सकता है। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद पीएचक्यू एक कमेटी बनाएगी जोकि टेंडर से जुड़ी शर्तें जैसे गाडिय़ों का ग्राउंड क्लियरेंस, मॉडल तय करेगी। फिर कमेटी की सिफारिश पर टेंडर जारी होंगे।
अभी यह है हाल…..
उल्लेखनीय यह हैं कि उज्जैन में डायल 100 सेवा को शुरू करने का उद्देश्य लोगों को मौके पर पहुँचकर त्वरित न्याय दिलाया जाना था, लेकिन पिछले कुछ सालों से डायल 100 सेवा इस पर खरी नहीं उतर पा रही है। कारण अधिकांश गाडिय़ाँ पुरानी और खटारा हो चुकी हैं। ऐसे में जब लोग डायल 100 को फोन करते हैं तो समय पर गाड़ी नहीं पहुँच पाती हैं। मामले में अधिकारियों का कहना है कि जिन थाना पाइंटों के वाहन खराब हो गए हैं वहाँ किराये से बोलेरो वाहन लेकर डायल 100 का संचालन किया जा रहा है। यह तो कंपनी का तर्क है लेकिन सच्चाई यह है कि आम लोग मुसीबत में जब डायल 100 को फोन लगाते हैं तो उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है।
नए वाहनों में बढ़ाई जाएँगी कई सुविधाएँ
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