577 आपदा की घटनाओं के साथ चीन सबसे आगे, भारत में 321
लंदन। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पिछले 20 सालों में प्राकृतिक आपदाओं में तेज वृद्धि हुई है। जिसके कारण जान और माल का नुकसान तो ही रहा है बल्कि दुनिया भर में आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में चरम मौसम की घटनाओं में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हुई है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोग मर रहे हैं और दुनिया भर में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यूएन के मुताबिक एशिया सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुआ है। यूएन के मुताबिक चीन में 577 और अमेरिका में 467 सबसे अधिक आपदा की घटनाएं साल 2000 से लेकर 2019 तक दर्ज की गईं। इसके बाद भारत में 321, फिलीपींस में 304 और इंडोनेशिया में 278 आपदा से जुड़ी घटनाएं दर्ज की गईं।
आपदाओं में 4 अरब से अधिक लोग प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को जारी किया है। शीर्ष के 10 देशों में से आठ देश एशिया में स्थित हैं। दुनिया में हर साल 13 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। दो दशक के दौरान 7,348 प्रमुख आपदा की घटनाओं को विश्व स्तर पर दर्ज किया गया। इन आपदाओं में 1.23 लाख लोगों की मौत हुई और 4.2 अरब लोग प्रभावित हुए। दो दशक के दौरान 2.97 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी दर्ज किया गया।
बड़ी बाढ़ की संख्या दोगुनी होकर 3,254 हो गई। सूखा और जंगलों में आग लगने की घटनाओं ने भी कहर बरपाया। आपदा जोखिम कम करने के लिए यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि मामी मिज़ुटोरी के मुताबिक, विस्तृत जलवायु आपातकाल से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने सरकारों से पूर्वानुमान चेतावनी में निवेश करने के साथ-साथ आपदा जोखिम कम करने की रणनीतियां अपनाने को कहा है।
बेल्जियम के लौवेन विश्वविद्यालय में आपदाओं की महामारी विज्ञान पर अनुसंधान केंद्र की देबारती गुहा-सापिर कहती हैं, अगर चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि का यह स्तर इसी तरह जारी रहता है तो वास्तव में अगले 20 सालों में इंसान का भविष्य बहुत अंधकारमय दिखता है। अनुसंधान केंद्र ने ही इस रिपोर्ट के लिए आंकड़े मुहैया कराए हैं। उनके मुताबिक, गर्म हवा के थपेड़े अगले 10 साल में हमारे लिए, खासकर गरीब देशों के लिए, सबसे बड़ी चुनौती बनने जा रहे हैं।
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