भोपाल। सभी जिला स्वास्थ्य संस्थाओं में अति आवश्यक औषधि की श्रेणी में आने वाली दवाइयों-इडीएल-एसेंशियल ड्रग लिस्ट की दवाईयों की स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्धता सातों दिन चौबीस घंटे रहना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर सिविल सर्जन और जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधे जिम्मेदार होंगे। निर्देशों की अनदेखी पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रबंध संचालक एमपी हेल्थ सर्विस कॉरपोरेशन द्वारा प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि वे सरकारी अस्पतालों में औषधि भंडारण की स्थिति का सतत निरीक्षण करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अति आवश्यक औषधियों की श्रेणी में आने वाली सभी दवाएं अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। ऐसी दवाईयों का तीन माह का बफर स्टॉक अस्पतालों में रखा जाए। निरीक्षण के दौरान यदि कोई दवाई कम मात्रा में या अनुपलब्ध है तब इन दवाईयों को खरीदने के लिए तत्काल आदेश जारी करें। भंडार में उपलब्ध दवाईयों का भौतिक सत्यापन भी किया जाए। साथ ही इसकी जानकारी एमपी औषधि पोर्टल पर अपडेट भी करें। इसमें अनदेखी और लापरवाही संज्ञान में आने पर संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और संबंधित स्वास्थ्य संस्था के सिविल सर्जन सीधे जिम्मेदार होंगे।
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