उषा ठाकुर के विरोधियों का बनने लगा गुट, भाजपा ने अभी से ही रूठों को मनाना शुरू किया
इन्दौर। भाजपा (BJP) विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के पहले पुराने नेताओं से मिलने के बहाने डेमेज कंट्रोल (Damage Control) की कवायद कर रही है। पूरे प्रदेश में बड़े नेताओं को नाराज नेता और संभावित दावेदारों को मनाने के लिए भेजा जा रहा है। इसको लेकर कल सुबह से शाम तक तोमर इंदौर में रहे। जाहिर तौर पर भाजपा के नेताओं ने इसे पार्टी की नियमित बैठक बताया, लेकिन इस बहाने दावेदारों को भी टटोल लिया गया कि वे कितना दम भर रहे हैं और अगर इन्हें टिकट नहीं मिला तो पार्टी का क्या नुकसान हो सकता है। सर्वाधिक विरोध महू (Mhow) और देपालपुर (Depalpur) विधानसभा में सामने आया।
बताया जा रहा है कि महू में मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) के साथ रहने वाले भाजपा नेताओं का एक गुट अंदर ही अंदर उनकी खिलाफत कर रहा है। वे ठाकुर के कामकाज से असंतुष्ट हैं और इसी को लेकर कल उन्होंने तोमर के सामने अलग से अपनी बात कही। सूत्रों के अनुसार कुछ ऐसे नेताओं ने भी विरोध किया जो अभी तक ठाकुर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने से वे नाराज हैं। यूं भी ठाकुर के बारे में प्रचलित हैं कि वे एक विधानसभा से दूसरी बार चुनाव नहीं लड़ती। कल बायपास की होटल में हुई बैठक में केन्द्रीय मंत्री तोमर ने जब बात करना शुरू की तो कुछ नेताओं ने कहा कि वे उनसे अलग से समय चाहते हैं। बाद में बंद कमरे में उन्होंने अपनी नाराजगी जताई। दूसरा विरोध देपालपुर विधानसभा से मनोज पटेल के टिकट को लेकर आया, जो पिछला चुनाव हार गए थे। पटेल मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के भरोसे अपना टिकट पक्का मानकर चल रहे हैं। जिन सीटों को संघ के सर्वे में कमजोर बताया गया है, उसमें देपालपुर विधानसभा भी एक है। यहां से कई दावेदार अपनी दावेदारी जता रहे हैं और सभी एक होकर मनोज पटेल को फिर से टिकट देने का विरोध भी कर रहे हैं। सांवेर को लेकर कुछ खास विरोध सामने नहीं आया, लेकिन पार्टी में आए कांग्रेसियों को तवज्जो देने की शिकायत की गई। राऊ को लेकर भी कहा कि पटवारी के सामने यहां दमदार उम्मीदवार उतारना जरूरी है।
शहर की बैठक में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा
दोपहर में शहर की बैठक दीनदयाल भवन में रखी गई थी, जिसमें पुराने नेताओं में टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा थी। कल तोमर के साथ बैठक में मेघराज जैन भी मौजूद थे। बैठक में सुमित्रा महाजन, कृष्णमुरारी मोघे, नारायण केसरी, सत्यनारायण सत्तन, कैलाश शर्मा, अंजू माखीजा, इनायत हुसैन जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। बैठक में सुदर्शन गुप्ता, गोपीकृष्ण नेमा, राजसिंह गौड़, मनोज पटेल, लोकेन्द्र राठौड़, उमाशशि शर्मा, बाबूसिंह रघुवंशी, गोविंद मालू, सर्वेश तिवारी, प्रताप करोसिया, जटाशंकर करोसिया, अजयसिंह नरूका, अमरदीप मौर्य, कमाल खान, मुकेशसिंह राजावत, घनश्याम काकाणी, ललित पोरवाल, हरिनारायण यादव, मोहित वर्मा जैसे नेताओं को भी बुलाया गया था। इनमें से कई विधानसभा टिकट के दावेदार हैं तो कुछ लोग काम नहीं करते हुए घर बैठ गए हैं। तोमर ने इसे नियमित बैठक बताया और 10 से 15 मिनट चर्चा करके सबसे वन टू वन मुलाकात की। कई नेताओं ने बंद कमरे में चुनाव लडऩे की इच्छा तक जता दी। कुछ नेताओं ने वर्तमान विधायकों की शिकायत भी की। उन्होंने राऊ, देपालपुर और एक नंबर विधानसभा के नेताओं से पूछा कि इस सीट पर क्या काम किया जा सकता है? तोमर जब कार्यालय से निकलने वाले थे तो उसके पहले उनसे मिलने महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जयपालसिंह चावड़ा, गोलू शुक्ला, सावन सोनकर मिलने पहुंचे। कई नेता रेलवे स्टेशन पर भी उनसे मिलने पहुंच गए।
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