उज्जैन । वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की खबर के बाद उज्जैन (Ujjain) में बिना नींव की मस्जिद (Mosque) में शिव मंदिर (shiv temple) होने का मामला गरमा गया है. शहर के चिह्नित कई धार्मिक स्थलों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है. उज्जैन पुलिस के अनुसार, सुरक्षा की दृष्टि से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
उज्जैन के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी ने उज्जैन के दानी गेट पर बनी मस्जिद में प्राचीन शिव मंदिर होने की बात कही है. महामंडलेश्वर ने कहा कि उन्होंने बिना नींव वाली मस्जिद में गणेश प्रतिमा, हाथी-घोड़े आदि की प्रतिमा देखी है. महामंडलेश्वर ने प्रशासन से मस्जिद की जांच कराए जाने की मांग की है. मस्जिद की वीडियोग्राफी करके साक्ष्य जमा करने की भी मांग की गई है. अतुलेशानंद जी के अनुसार, मुगल शासकों ने यहां कब्जा कर मस्जिद का निर्माण किया था.
मुगलों ने किया था मंदिर को ध्वस्त
महामंडलेश्वर ने कहा कि राजा भोज शिव भक्त थे और उन्होंने 1026 में गजनबी को हराया था. उसी समय उन्होंने हमारे उज्जैन में एक शिव मंदिर का निर्माण कराया था, जिसे छोटी भोजशाला कहते हैं और एक भोजशाला धार में विराजित है जहां सरस्वती माता का मंदिर है. उज्जैन में उन्होंने शिव मंदिर का निर्माण कराया था, ऐसे कई मंदिर देशभर में बनवाए थे. उज्जैन में बने शिव मंदिर को 1600 में मुगल शासकों ने तोड़कर कब्जा कर लिया था और आज बिना नींव की मस्जिद के नाम से जाना जाता है.
मस्जिद के अंदर है गणेश की मूर्ति
2007 में जब हमने उसके अंदर प्रवेश किया था तो देखा कि उसमें गणेश जी की मूर्ति, हाथी-घोड़े बने हुए थे. पत्थरों पर विशाल पहरेदार सैनिकों की मूर्तियां बनी हुईं थीं. इस मामले को लेकर में कोर्ट में जाना चाहूंगा और इस पर एफआईआर दर्ज कराऊंगा, ताकि इसके पूरे कागज निकाले जा सके और संपत्ति मिले और भगवान शिव पुनः प्राप्त हों.
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