उज्जैन। शहर में पिछले दो दिनों में ही कोरोना के 10 नए केस सामने आ गए हैं, वहीं रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक का नाईट कफ्र्यू भी लग रहा है। इन सबके बीच आज सुबह जब कफ्र्यू हटा तो अंकपात क्षेत्र में सैर सपाटा आयोजन शुरु हो गया। यहाँ सैकड़ों लोग कोरोना के खतरे से बेपरवाह होकर बगैर मास्क लगाए पहुँच गए। नए वेरिएंट का स्वभाव है कि अगर यह किसी एक व्यक्ति को होता है तो वह संपर्क में आए 18 से 20 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसकी परवाह न तो आयोजकों ने की और न ही जिला प्रशासन ने। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के साथ-साथ पिछले 15 दिनों में उज्जैन में भी कोरोना के नए मामले आना शुरु हो गए हैं। पिछले दो दिन में ही कोरोना के 10 नए केस शहर में आ गए हैं। इन्हें मिलाकर अब शहर में ही कोरोना के 18 एक्टिव केस हो गए हैं। इधर अंकपात क्षेत्र में आज सुबह से सैर सपाटे का आयोजन शुरु हो गया है। यह आयोजन पूर्व में भी ठंड के दिनों में होता रहा है। इसका उद्देश्य आयोजन के जरिये लोगों को सेहत सुधार के प्रति जागरूक करना तथा लुप्त होते पारंपरिक खेलों की परंपरा से नई पीढ़ी को अवगत कराना है। आयोजन का उद्देश्य बिल्कुल सही है इसमें कोई दो राय नहीं।
परंतु जिस अवसर पर इसे आयोजित किया जा रहा है वह बेहद खतरनाक है क्योंकि देश में लगातार कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर पड़ोसी शहर इंदौर में भी अब कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। उज्जैन शहर में भी मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन सबके बीच इस तरह का भीड़ भरा आयोजन करना आयोजन में शामिल होने जा रहे लोगों के साथ-साथ पूरे शहर को कोरोना की तीसरी लहर के खतरे में डालने जैसा है। अभी तक शहर में 18 मामले सामने आ चुके हैं। चिकित्सक बता रहे हैं कि नए मरीज तेजी से अपने आसपास संक्रमण फैला रहे हैं। कुछ मामलों में तो मरीज के साथ-साथ पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ चुका है। ऐसे में आयोजकों की तथा जिला प्रशासन की यह नैतिक जवाबदारी बनती है कि आयोजन में कोरोना गाईड लाईन का पूरी तरह से पालन हो परंतु आज सुबह सैर सपाटा आयोजन में शामिल सैकड़ों लोगों की भीड़ में अधिकांश लोगों ने मास्क नहीं लगा रखे थे। इतना ही नहीं रस्सा खेंच और अन्य प्रतियोगिता में भाग ले रहे छोटे बच्चों ने भी मास्क नहीं लगा रखा था और न ही उन्हें आयोजन स्थल पर इसके बारे में बताया जा रहा था। जानकारी में यह भी आया है कि सैर सपाटा आयोजन की जिला प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली गई है। इस बारे में जब एडीएम संतोष टैगोर से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से इस आयोजन की अनुमति के लिए कोई आवेदन नहीं आया है।
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