भोपाल। राजधानी में रुक-रुककर हो रही बारिश ने फसलों को तो काफी सहारा दिया है लेकिन अब भी यह काम चलाऊ ही है। तालाब और डैम आदि जल स्रोत भरने के लिए अभी और बारिश की जरूरत है। इस साल शुरुआती दौर से ही मानसून की बारिश काफी कम हो रही है। सभी जगह समान बारिश न होने से कुछ गांवों में फसलें कमजोर हैं तो कहीं ठीक हैं। करीब एक पखवाड़ा पहले अत्यंत कम बारिश से सोयाबीन और मक्का की फसलों को नुकसान की संभावना थी, लेकिन अब हो रही बारिश से बड़ा सहारा मिला है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश तो काम चलाऊ ही है, लेकिन फसलों की स्थिति इस समय अच्छी है। सोयाबीन, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द जैसी फसलों के लिए बारिश ठीक है। जल स्रोतों को भरने और जल स्तर बढ़ाने वाली बारिश नहीं हुई तो रबी फसलों के लिए मुश्किल हो सकती है।
19 अगस्त के बाद अच्छी बारिश के आसार
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में अच्छी बरसात हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 19 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब झारखंड के दक्षिणी क्षेत्र तक पहुंचकर कमजोर पड़ गया है। शुक्ला ने बताया कि झारखंड में बने सिस्टम के ऊपरी हवा के चक्रवात में बदलने की संभावना है। इसके कमजोर पडऩे से बरसात की गतिविधियों में कुछ कमी आ जाएगी। 19 अगस्त को एक और कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बनने जा रहा है। उसके आगे बढऩे पर 20 अगस्त से बारिश का नया दौर शुरू होगा। 22 से 25 अगस्त के बीच पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात होने की उम्मीद है। एक सप्ताह से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बरसात होने से प्रदेश में अब स्थिति सुधरने लगी है। एक सप्ताह पहले प्रदेश में सामान्य से 14 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई थी। साथ ही 21 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी।
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