नई दिल्ली: इस साल देश में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने एक बेहद ही विस्तृत आंकड़ा (Detailed Data) पेश किया है. इन आंकड़ों के जरिये बताया गया है कि कैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) में 2 महीने के दौरान चुनाव संपन्न करवाया गया. इन आंकड़ों में देश में कुल मतदाता (Voters) से लेकर मतदान प्रतिशत और कुल मतदान केंद्रों से लेकर नामांकन तक पूरी जानकारी शेयर की है.
केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव में कुल 97 करोड़, 97 लाख 51 हजार 847 पंजीकृत मतदाता थे. 2019 में 91 करोड़, 19 लाख 50 हजार 734 मतदाता थे. यानी कि 2019 की तुलना में 2024 में 7.43 प्रतिशत मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है. साल 2024 में 64.64 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला जबकि 2019 में 61.4 करोड़ वोट डाले गए थे.
2024 के लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड
चुनाव आयोग के मुताबिक सबसे ज्यादा मतदान असम के धुबरी में 92.3 प्रतिशत हुआ. सबसे कम मतदान श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में 38.7 फीसदी हुआ, जबकि 2019 में इस सीट पर 14.4% मतदान हुआ था. 2024 में नोटा को 63 लाख 71 हजारा 839 (0.99%) वोट मिले, जबकि 2019 में 1.06 प्रतिशत वोट नोटा को पड़े थे. इस बार ट्रांसजेंडर मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 27.09 फीसदी रहा.
2024 के लोकसभा चुनाव में 10 लाख 52 हजार 664 मतदान केंद्र बनाए गए, जबकि 2019 में 10 लाख 37 हजार 848 मतदान केंद्र थे. 2019 में 540 मतदान केंद्रों की तुलना में केवल 40 मतदान केंद्रों (कुल मतदान केंद्रों का 0.0038%) में पुनर्मतदान हुआ. मतदाताओं/मतदान केंद्रों की औसत संख्या: 931 रही. सबसे अधिक मतदान केंद्रों वाला राज्य उत्तर प्रदेश (1,62,069 मतदान केंद्र) रहा और सबसे कम मतदान केंद्रों वाला राज्य/केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (55 मतदान केंद्र) रहा. 2019 की तुलना में 2024 में मतदान केंद्रों की संख्या में सबसे अधिक बढ़ोतरी वाला राज्य बिहार (4739 मतदान केंद्र) रहा, उसके बाद पश्चिम बंगाल (1731 मतदान केंद्र) में मतदान केंद्र बने.
2024 में 12 हजार 459 नामांकन दाखिल किए गए, जबकि 2019 में 11 हजारा 692 नामांकन ही दाखिल हुए थे. सबसे ज्यादा नामांकन वाले संसदीय क्षेत्र मलकाजगिर (तेलंगाना) रहा, जहां 114 नामांकन हुए और सबसे कम नामांकन वाली संसदीय सीट रही डीब्रूगढ़ (असम) जहां पर सिर्फ 3 नामांकन हुए. देश भर में दाखिल कुल 12,459 नामांकनों में से नामांकन खारिज होने और नाम वापस लेने के बाद कुल 8,360 उम्मीदवार चुनाव लड़ने के योग्य पाए गए. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या 8054 थी.
पंजीकृत मतदाता
मतदान प्रतिशत की रिकॉर्ड
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