नई दिल्ली। दुनिया भर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए भारत, अमेरिका समेत कई देशों में टीके विकसित (Corona Vaccine) कर लिए गए हैं। लोगों को यह बड़ी संख्या में दिए भी जा रहे हैं। हालांकि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कई लोग साइड इफेक्ट की भी शिकायत कर रहे हैं। इनमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। ऐसा अमेरिका में भी है।
अमेरिका (Amerika) के पेंसिलवेनिया के स्टेट कॉलेज (College) में 44 साल की मेडिकल टेक्निशियन शेली केंडेफी ने हाल ही में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई थी। लेकिन इसके बाद उनकी हालत बेहद खराब हो गई। शेली को मॉडर्ना (Moderna) की कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। तब तो सब ठीक था, लेकिन शाम को उनके हाथ में त्वचा संक्रमण हो गया और उनके शरीर में दर्द होने लगा। इससे वह बेहद परेशान हो गईं। उनके अनुसार उन्हें लगा कि उन्हें फ्लू हो गया है। उनके मुताबिक उनके दांप में कपकपी थी। लेकिन उन्हें पसीना भी निकल रहा था।
अगले दिन उन्होंने ऑफिस (Office) जाकर अपने उन सहयोगियों को हाल जाना, जिन्होंने उनके साथ वैक्सीन लगवाई थी। इसे जानकर वह दंग रह गईं। वैक्सीन लगवाने वाली सात में से छह महिलाओं में साइड इफेक्ट थे, जबकि आठ पुरुषों में से सिर्फ चार में भी साइड इफेक्ट दिखे थे। वहीं पिछले महीने सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं ने एक शोध में 1.37 करोड़ अमेरिकी लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन से संबंधित आंकड़ों की पड़ताल की थी। इसमें पाया गया था कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद कुल लोगों में से 79.1 फीसदी महिलाओं में साइड इफेक्ट दिखे। जबकि कुल वैक्सीन का सिर्फ 61.2 फीसदी हिस्सा ही महिलाओं को दिया गया था।
इस शोध में सीडीसी शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद हाइपरसेंसिविटी संबंधी साइड इफेक्ट महिलाओं में अधिक पाए गए हैं। सीडीसी शोधकर्ताओं ने पाया कि मॉडर्ना वैक्सीन लगवाने के बाद सभी 19 लोगों को साइड इफेक्ट हुए थे। ये सभी महिलाएं थीं। वहीं फाइजर वैक्सीन के प्रति 47 में से 44 महिलाओं में साइड इफेक्ट दिखाई दिया। इस पर जॉन्स हॉप्किंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में माइक्रोबायोलॉजिस्ट व इम्यूनोलॉजिस्ट सबरा क्लीन का कहना है कि महिलाओं में साइड इफेक्ट हल्के और कम समय के लिए पाए गए। इन शारीरिक बदलावों से यह स्पष्ट है कि वैक्सीन असर कर रही है
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