इन्दौर। शहर के कई क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों के मामले कागजों पर ही उलझे हुए हैं। प्रस्ताव से लेकर टेंडर तक की प्रक्रियाएं उलझी पड़ी हैं और कई जगह होने वाले काम शुरू ही नहीं हो पाए हैं। निगम अफसरों ने पिछले दिनों दावा किया था कि सुभाष मार्ग की 100 फीट चौड़ी सडक़ का काम शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन यह मामला भी उलझन में पड़ा हुआ है। इसके अलावा करीब दो दर्जन मामले ऐसे ही अटके हैं। जवाहर मार्ग सें चंद्रभागा को जोडऩे वाली सडक़ का बचा काम पूरा करने के लिए नई एजेंसी को काम देने और वहां काम शुरू कराने की तैयारी थी, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इसी प्रकार लक्ष्मी मेमोरियल हास्पिटल से नेहरू नगर तक की सडक़ और मधुमिलन से एमवाय अस्पताल और छावनी की ओर जाने वाली सडक़ों के साथ-साथ कई वार्डों मेें नई सडक़ों से लेकर सीमेंटीकरण के प्रस्ताव थे, जिन पर अब तक कोई काम नहीं हो पाया है।
निगम की माली हालत खस्ताहाल है, क्योंकि पोर्टल की खराबी के चलते जो राशि करदाताओं से निगम को मिल रही थी, वह भी लगभग मिलना बंद हो गई है। कई जगह खातों की गड़बडिय़ों को सुधारने में अधिकारी माथा खपा रहे हैं, वहीं जलजमाव वाले क्षेत्रों के लिए कई नालों को तोडक़र बनाए जाने की तैयारी थी। इनमें चंद्रभागा से कलालकुई मस्जिद तक के नाले को नया बनाने के लिए करीब 5 करोड़ का प्रस्ताव तैयार हुआ था। यह भी मामला में बारिश के पहले होना था, लेकिन अब तक अटका पड़ा है। जलजमाव वाले कई नालों के आसपास से कब्जे हटाकर वहां कई कार्य किए जाना हैं, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पााए हैं और कई जगह रिचार्ज साफ्ट लगाने के लिए निगम ने खजाना खाली होने के चलते हाथ ऊंचे कर दिए हैं।
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