लॉकडाउन में ज्यादा पिटीं महिलाएं
इंदौर। लॉकडाउन (lockdown) महिलाओं (women) पर भारी बर्बर रहा… एक ओर जहां कोरोना (Corona) जैसी महामारी से संघर्ष करते परिवार की देखभाल में महिलाएं (women) जुटी थीं, वहीं पति से लेकर परिवार तक की हिंसा का भी जबर्दस्त शिकार हुईं। महिलाओं (women) पर यातनाओं की शिकायत सुनने के लिए बने डॉयल 181 नंबर पर चार महीनों में ही 348 महिलाओं (women) ने जहां अपना दुखड़ा रोया, वहीं महिला बाल विकास विभाग (women child development) के सखी केंद्र (sakhi center) पर भी शिकायत करने 247 महिलाएं पहुंचीं। इस तरह जहां पिछले वर्ष में 1264 महिलाओं पर जुल्म हुए वहीं, इस साल अप्रैल से लेकर जुलाई तक केवल चार महीने में ही 695 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुईं।
प्रशासन के वन स्टॉप सेंटर (one stop center) यानी सखी केंद्र (sakhi center) में इंदौर ही नहीं बेटमा, देपालपुर, सिमरोल, महू और मानपुर से भी केस आते हैं। कई बार इंदौर में काउंसलिंग की जाती है, तो कई बार टीम इन जगह पर जाकर भी काउंसलिंग करती हैं। लॉकडाउन (lockdown) के दौरान कई काउंसलिंग वीडियो कॉल और फोन के जरिए की गई। अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 के कुल पंजीयन मामलों में से 118 मामले घरेलू हिंसा के हैं। कई मामलों में समझौता करवा दिया गया है, तो कई का परामर्श किया जा रहा है। सखी केन्द्र की प्रशासक डॉ वंचना सिंह परिहार में बताया कि इनमें से अब तक 47 मामलों में समझौता हो गया है। लॉकडाउन(lockdown) में हिंसा का जिसका कारण तनाव और आर्थिक तंगी रहा।
महिलाओं ने डायल 181 से मदद मांगी
बीते चार महीनों में अप्रैल से जुलाई 2021 तक हेल्पलाइन 181 पर 348 महिलाओं (women) ने मदद मांगी, जिन्हें वन स्टॉप सेंटर (one stop center) भेजा गया। वहीं, 1 अगस्त से 19 तक हेल्पलाइन 181 से सेंटर पर 75 मामलों में महिलाओं (women) ने मदद मांगी। वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को 6 तरह की सहायता दी जाती है। यहां महिलाओं (women) के रूकने की भी व्यवस्था है। पिछले साल 5 महिलाओं की नौकरी भी इस सेंटर की मदद से लगवाई जा चुकी है।
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