इंदौर। शहर में वाहन चोरी (auto theft) पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस एक माह से धार-टांडा और देवास में कंजर गिरोह (Kanjar gang in Dewas) के डेरों पर लगातार छापे मार रही है। इससे वाहन चोरी की घटनाओं में काफी कमी आई है। इस माह पुलिस ने चार गिरोह को पकडक़र उनसे सौ से अधिक गाडिय़ां जब्त की हैं, जो अब तक एक माह का रिकॉर्ड है।
पिछले कुछ सालों से शहर में वाहन चोरी पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस ने इस पर काम किया तो पता चला कि पश्चिम के थाना क्षेत्रों से धार-टांडा का गिरोह गाडिय़ां चुरा रहा है तो पूर्वी थाना क्षेत्रों (Eastern Police Station Areas) से देवास के कंजर गिरोह गाडिय़ां चुरा रहे हैं। कई स्थानों पर मिले फुटेज से यह स्पष्ट हो जाने के बाद पुलिस ने एक रणनीति बनाकर (strategizing) उस पर काम शुरू किया।
पुलिस कमिश्नर (police commissioner) ने अपनी टीम को निर्देश दिए कि हर सप्ताह इंदौर से बल ले जाकर कंजरों के डेरों पर छापामार कार्रवाई (guerrilla action) की जाए। इसके बाद पुलिस ने वहां से इंदौर से चुराई गई गाडिय़ां बड़ी संख्या में जब्त कीं, वहीं पुलिस का कहना है कि लगातार छापे के चलते इन गिरोह ने शहर में आना बंद कर दिया है। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाएं कम हुई हैं। पुलिस ने इस माह चंदनगर में धार-टांडा का गिरोह पकड़ा और उससे बीस के लगभग गाडिय़ां जब्त की हैं। इसके अलावा हीरानगर, संयोगितागंज और लसूडिय़ा पुलिस (Hiranagar, Sanyogitaganj and Lasudia Police) ने तीन गिरोह पकड़े और इनसे 75 से अधिक गाडिय़ां जब्त की हैं। जो एक माह में वाहन चोरी की गाडिय़ां जब्त करने का रिकार्ड है।
कई गिरोह की हो गई है पहचान, दो दर्जन गिरफ्तार
लगातार छापे से पुलिस ने देवास और धार-टांडा में सक्रिय कई गिरोह के सरगनाओं की पहचान कर ली है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक गिरोह के सदस्यों को छापे के दौरान पकड़ा गया है, वहीं बाकी की तलाश में टीमें लगाई गई है।
एक दर्जन से अधिक गाडिय़ां रोज हो रही थीं चोरी
पहले शहर में रोजाना सात से आठ गाडिय़ां चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज होती थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान भी शहर में एक दर्जन से अधिक गाडिय़ां रोजाना चोरी होने लगी थीं। पिछले साल शहर से दो हजार से अधिक गाडिय़ां चोरी हुई थीं, जिनमें से दस प्रतिशत गाडिय़ां ही पुलिस बरामद कर सकी थीं।
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