भोपाल। जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में संजीवनी 108 एम्बुलेंस सेवाएं दे रही है। प्रदेश में बीते सात माह में एम्बुलेंस ने 9 लाख 23 हजार 71 गर्भवतियों को प्रसूति के लिए अस्पताल पहुंचाया है। इसी कड़ी में अब एक नई पहल की जा रही है। प्रसूति की तय तारीख से पहले एम्बुलेंस के कॉल सेंटर से गर्भवतियों को फोन जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि आपको कब एम्बुलेंस की जरूरत है। हमें बताइए। संभावित प्रसूति तारीख से 15 से 20 दिन पहले गर्भवती को कॉल किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा का लाभ ले सकते हैं, इसलिए जब भी प्रसूति के लिए अस्पताल जाने की बारी आए तो तुरंत कॉल लगाएं। 7 माह में सागर जिले में 39 हजार 263 गर्भवतियों ने इस सेवा का ड्डलाभ लिया है। दमोद, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, रतलाम, रीवा, टीकमगढ़ आदि जिलों में 25 हजार से ज्यादा महिलाओं ने इस सेवा का लाभ लिया है। बीते सात महीने में इंदौर में 8 हजार 530 गर्भवती ने एम्बुलेंस सेवा का लाभ लिया। पिछड़े जिलों में 20 हजार से ज्यादा महिलाओं को प्रसूति के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इंदौर प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में यहां यातायात के संसाधन भी अधिक हैं, इसलिए यहां महिलाओं ने एम्बुलेंस सेवा का उपयोग अन्य शहरों की तुलना में कम किया है। औसतन हर साल यहां सरकारी व निजी अस्पतालों में 80 हजार प्रसूति होती है।
2 हजार से ज्यादा एम्बुलेंस
एम्बुलेंस सेवा के मैनेजर तरुण सिंह परिहार बताते हैं कि प्रदेश के 52 जिलों में 2 हजार से अधिक संजीवनी 108 एम्बुलेंस व जननी एक्सप्रेस सेवा दे रही है। रोज 8 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। प्रसूति के मामले में अस्पताल ले जाने के अलावा उन्हें प्रसूति के बाद प्रसूता को घर तक छोडऩे का काम भी किया जा रहा है।
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