उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

193 गाँवों के 63 हजार से अधिक किसानों को नहीं मिला लाभ… मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला शो पीस बनी

  • मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला तैयार हो गई लेकिन स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो सकी

उज्जैन। 5 वर्ष पहले उज्जैन जिले के बडऩगर में किसानों की सुविधा के लिए 35 लाख रुपए से अधिक की लागत से मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बनाई गई थी लेकिन कृषि विभाग इस मिट्टी परीक्षण केंद्र में आज तक किसी कर्मचारी अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर सका और अब यह भवन मात्र शो-पीस बनकर रह गया है।


उज्जैन जिले के किसानों के लिए कृषि विभाग की एक मात्र कोठी रोड स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में वर्षों से उज्जैन जिले के किसान आकर मिट्टी परीक्षण करवाते हैं। 5 वर्ष पहले कृषि विभाग द्वारा उज्जैन जिले के बडऩगर में किसानों की सुविधा के लिए मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोली गई थी। प्रयोगशाला का भवन बनकर तैयार हो गया था और मिट्टी परीक्षण के लिए डिजिटल 32 मशीनें भी लगा दी गई थी लेकिन प्रयोगशाला के लिए स्टाफ नहीं होने के कारण यह मिट्टी परीक्षण केंद्र शुरू नहीं हो सका और आज 5 वर्ष होने के बाद भी इस मिट्टी परीक्षण केंद्र के ताले नहीं खुले इसके अंदर रखी मिट्टी परीक्षण की मशीनें भी अब खराब हो चुकी हैं और और लाखों रुपए से बनाया गया यह भवन भी किसानों के लिए शो-पीस बनकर रह गया है। इस मिट्टी परीक्षण केंद्र के शुरू होने के बाद बडऩगर ब्लॉक के 193 गाँवों के करीब 63 हजार से अधिक किसानों को प्रयोगशाला का लाभ मिलता। अब मजबूरी में किसानों को मिट्टी परीक्षण के लिए उज्जैन की प्रयोगशाला में ही आना पड़ता है। इस मामले में रामपाल नाइक, उप संचालक, कृषि विभाग उज्जैन का कहना है कि वर्तमान में उज्जैन जिले में केवल एक मिट्टी परीक्षण केन्द्र संचालित हो रहा हैं, जो शहर के कोठी रोड़ क्षेत्र में बना हैं। रही बात बडऩगर स्थित केन्द्र की तो स्टाफ की कमी के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका हैं। शासन स्तर पर इसके लिए स्टाफ की माँग की गई हैं।

बोवनी के पहले किसानों को क्यों जरूरी है मिट्टी का परीक्षण करवाना
किसी भी फसल चक्र की शुरुआत से पहले किसान के लिए अपनी मिट्टी की गुणवत्ता को अच्छी तरह से जानना महत्वपूर्ण है। खेत की मिट्टी की पोषक तत्वों की मात्रा को जानना एक उचित खेत प्रबंधन चक्र की दिशा में पहला कदम है। हर फसल की एक विशिष्ट पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, जो मिट्टी के माध्यम से पूरी होती है। फसल चक्र की शुरुआत से पहले मिट्टी को सही तरीके से खाद देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कम या ज़्यादा खाद वाली मिट्टी का सीधा असर फसल की पैदावार पर पड़ेगा। मिट्टी में पोषक तत्वों के असंतुलन का खेत की जल गुणवत्ता और मिट्टी की परिस्थिति पर भी असर पड़ेगा। मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में गिरावट और बढ़ती कृषि लागत को देखते हुए, किसान लाभदायक खेती की ओर बढऩे के लिए बड़े पैमाने पर सटीक खेती पर निर्भर हैं। सटीक खेती को लागू करने के लिए मिट्टी परीक्षण और विश्लेषण किसानों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो रहे हैं। समय पर किया गया मिट्टी का विश्लेषण किसान के लिए बहुत लाभदायक साबित होता है। यह न केवल उर्वरक के खर्च को कम करता है बल्कि अधिक उर्वरक के इस्तेमाल को भी सीमित करता है। अधिक उर्वरक के इस्तेमाल से न केवल अधिक खर्च होता है बल्कि मिट्टी भी खराब होती है और बाद में फसल की पैदावार पर भी असर पड़ता है।

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