- अग्रिपथ योजना के विरोध को देखते हुए रेलवे प्रशासन अलर्ट-जीआरपी और आरपीएफ भी रख रही नजर
उज्जैन। कोरोना काल के बाद एक बार फिर उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे में 60 से ज्यादा टे्रनों का आवागमन हो रहा है। प्लेटफार्म नं.1 से लेकर 8 तक ट्रेनें दिनरात गुजर रही हैं। इधर केन्द्र सरकार की अग्रिपथ योजना का अभी भी विरोध हो रहा है। अन्य राज्यों में ट्रेनों में हुई आगजनी की घटना को देखते हुए उज्जैन स्टेशन पर रेल प्रशासन अलर्ट पर है। स्टेशन परिसर में 70 अग्रिशमन यंत्र हमेशा तैयार रहते हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की सेना में युवाओं की भर्ती बढ़ाने तथा अनुभवी सैनिकों के साथ देश की रक्षा के कार्य से उन्हें जोडऩे के लिए अग्रिपथ योजना का आगाज किया है। शुरुआत से ही इसका विरोध हो रहा है। दो दिन पहले तीनों सेना प्रमुख योजना को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्टीकरण भी दे चुके हैं और सेना ने साफ कहा है कि यह योजना किसी भी सूरत में वापस नहीं ली जाएगी।
सेना अधिकारियों ने यह भी तर्क दिया है कि भारतीय सेना में पहले से अनुभवी फौजी मौजूद हैं लेकिन इसमें अग्रिवीरों की भर्ती के बाद देश की सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी क्योंकि अनुभवी सैनिकों का होश और युवा अग्रिवीरों का जोश मिलकर साथ-साथ काम करेगा तो इसके सामने देश का कोई दुश्मन टिक नहीं पाएगा। हालांकि इस योजना का अभी भी देश में कई जगह विरोध हो रहा है। एक दिन पहले उज्जैन स्टेशन पर भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर रेलवे और पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हो गए थे। बड़ी तादाद में स्टेशन परिसर तथा प्लेटफार्मों पर पुलिस के अलावा विभिन्न सुरक्षा टीमों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए लगा दिया गया था। इसी के चलते कल यहाँ घोषणा के बाद भी विरोध नहीं हो पाया। पुलिस प्रशासन के साथ-साथ रेलवे की जीआरपी और आरपीएफ की टीमें भी विशेष नजर रख रही है। स्टेशन मास्टर मुकेश जैन ने अग्रिबाण को चर्चा में बताया कि स्टेशन परिसर में प्लेटफार्म नं.1 से लेकर 8 तक विभिन्न स्थानों पर 70 अग्रिशमन यंत्र विभाग ने लगा रखे हैं। यह यंत्र किसी भी समय आगजनी की घटना रोकने के लिए काम आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर की शुरुआत के साथ ही दो साल पहले देश के अन्य स्टेशनों की तरह उज्जैन स्टेशन पर भी चुनिंदा ट्रेनें ही चल रही थी। लगभग 1 साल तक उज्जैन स्टेशन से होकर करीब 20 ट्रेनों की आवाजाही हो पा रही थी लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद पिछले 6 महीने से उज्जैन स्टेशन पर पहले की तरह 60 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही 24 घंटे में हो रही है। यही कारण है कि अन्य राज्यों में अग्रिपथ योजना के विरोध में ट्रेनों में हो रही आगजनी की घटनाओं को देखते हुए रेलवे और पुलिस प्रशासन अभी अलर्ट मोड पर है। अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन पर आगजनी की घटना से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम है और आवश्यकता हुई तो इसमें फायर ब्रिगेड की भी मदद ली जा सकती है। हालांकि अभी ऐसे हालात नहीं हैं।