नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के साथ सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सब्सक्राइबर्स को भी होली पर तोहफा दे सकती है. सरकार पीएफ पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है. दरअसल, ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) की बैठक 12 मार्च 2022 को गुवाहाटी में होनी है. इसमें ब्याज दरों पर चर्चा होनी है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज तय किया जाएगा. इसके बाद वह अपनी अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंपेगा, जहां ब्याज दरों पर आखिरी मुहर लगेगी. सूत्रों की मानें तो सीबीटी के कुछ सदस्य ब्याज दरें बढ़ाने की पक्ष में हैं.
मुश्किल भरा रहा है चालू वित्त वर्ष
मौजूदा वित्त वर्ष ईपीएफओ के लिए मुश्किल भरा रहा है. इसके बादजूद 8.5 फीसदी ब्याज देने के लिए ईपीएफओ अपने इक्विटी निवेश में हिस्सा बेच सकता है. विकल्प कम होने की वजह से बॉन्ड निवेश उम्मीद से कम रहा और पूंजी का निवेश नहीं हो पाया. ईपीएफओ इक्विटी के साथ डेट में निवेश करता है. ईपीएफओ की फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमिटी ने अपनी सिफारिशें सीबीटी को भेज दी हैं.
2015-16 में सबसे ज्यादा थी ब्याज दर
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपने सब्सक्राइबर्स को 8.5 फीसदी का ब्याज दिया था. सबसे ज्यादा ब्याज दर 2015-16 में थी, जब सब्सक्राइबर्स को 8.80 फीसदी का ब्याज दिया गया. अब सैलरीड क्लास की निगाहें 12 मार्च को होने वाली बैठक पर लगी हुई हैं. इसमें चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर का ऐलान होना है. केंद्रीय श्रम मंत्री के मुताबिक, इस अहम बैठक में ब्याज दरों के निर्णय का प्रस्ताव भी सूचीबद्ध है.
अंतिम फैसला बोर्ड का
श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने ईपीएफओ के ब्याज दर बढ़ाने या उसे स्थिर रखने पर कहा कि यह फैसला अगले वित्त वर्ष की आमदनी के अनुमान पर लिया जाएगा. इसका अंतिम फैसला बोर्ड करता है. ऐसे में बोर्ड की मीटिंग में चर्चा होने के बाद ही इस पर कोई फैसला होगा. हमारा उद्देश्य आम लोगों को राहत देना है. इसके लिए सभी उपाय किए जाएंगे.
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