नई दिल्ली। देश का वैक्सीन डिलीवरी टेक प्लेटफॉर्म Co-WIN अब ग्लोबल बनने जा रहा है. 50 से अधिक देशों ने अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए यह टेक्नोलॉजी लेने में दिलचस्पी दिखाई है. सरकार इसका एक ओपन सोर्स वर्जन बनाएगी जिससे अन्य देश बिना खर्च के इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. Co-WIN के प्रमुख आर एस शर्मा ने एक ट्वीट में बताया, “मध्य एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के 50 से अधिक देशों की इस टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी है.
इसका एक ओपन सोर्स वर्जन बनाया जाएगा, जिससे कोई भी देश इसका मुफ्त इस्तेमाल कर सकेगा. कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क या Co-WIN को इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) की तर्ज पर बनाया गया था. eVIN को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और हेल्थ मिनिस्ट्री ने मिलकर तैयार किया था. इसके कार्यों में वैक्सीन के स्टॉक का डिजिटाइजेशन और एक ऐप के जरिए कोल्ड चेन की वास्तविक समय में मॉनिटरिंग शामिल हैं.
मार्च से शुरू हुआ है इस्तेमाल
CoWIN का इस्तेमाल कोरोना की वैक्सीन को फेज के अनुसार लगाने के लिए इस वर्ष मार्च से किया गया था. वैक्सीन की कमी और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण इस प्लेटफॉर्म को लेकर शुरुआत में मुश्किलें आई थी. देश में सभी के लिए पिछले महीने से वैक्सीन की शुरुआत करने के बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ी है. शर्मा ने बताया कि CoWIN से हेल्थकेयर सेक्टर में अन्य प्लेटफॉर्म को तैयार करने में भी मदद मिल सकती है.
पासपोर्ट से जोड़ सकेंगे कोविन यूजर
मालूम हो रविवार को ही अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को कठिनाई का सामना करने के साथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के CoWin पोर्टल ने यूजर्स को अपने COVID-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों को पासपोर्ट से जोड़ने में सक्षम बनाना शुरू कर दिया है. आरोग्य सेतु ऐप ने प्रमाणपत्रों में पासपोर्ट विवरण को अपडेट या सही करने की प्रक्रिया को भी ट्टिटर पर साझा किया. “अब, आप अपने टीकाकरण प्रमाणपत्र में अपना पासपोर्ट नंबर अपडेट कर सकते हैं,” सरकार ने कहा. उपरोक्त विवरणों को साझा करने के अलावा, कोरोनावायरस टीकाकरण प्रमाणपत्रों में पासपोर्ट विवरण को अद्यतन या सही करने के दिशा-निर्देश ऑनलाइन साझा किए गए.
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