उज्जैन। समूचे देश सहित उज्जैन में भी कल नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें न्यायालय में लंबित मामले समेत अपराधिक, चेक बाउंस, घरेलू हिंसा आदि के साढ़े 5 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई होगी। नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा। सुनवाई के लिए जिले में 47 खंडपीठें बनाई गई है।
नेशनल लोक अदालत कल 10 जुलाई को उज्जैन में भी लगेगी जिसमें एक ही दिन में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण होने का अनुमान है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन सहित प्रदेशभर की लोक अदालतों में तैयारी के निर्देश दिये गये हैं। जिले में कई लम्बित तथा प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एनपी सिंह के मुताबिक नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित राजीनामा योग्य सिविल एवं आपराधिक, शमनीय, एमएसीटी, एनआई एक्ट-138, आपराधिक मामले एवं वैवाहिक विवाद तथा घरेलू हिंसा, श्रम विभाग के प्रकरण, विद्युत एवं जल कर, बिल सम्बन्धी प्रकरण सेवा मामले, सेवा निवृत्ति लाभों से सम्बन्धित है, राजस्व प्रकरण, दीवानी मामले एवं अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्रीलिटिगेटशन प्रकरण अर्थात मुकदमा-पूर्व प्रकरणों का निराकरण किया जा सकेगा। उज्जैन जिले में इस बार नेशनल लोक अदालत में एक हजार केस के निपटारे का लक्ष्य रखा गया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि लॉकडाउन में लगातार दो माह अदालतें बन्द होने से उक्त लोक अदालत अत्यधिक उपयोगी रहेगी। अदालतों में मुकदमों का अंबार लग गया है, इसलिये नेशनल लोक अदालत की तैयारी अभी से की जानी चाहिये। क्लेम प्रकरण अधिक से अधिक निराकृत हों, इसलिये क्लेम प्रकरणों में कंपनी व पक्षकारों में समझौता शुरू कर दिया गया है। दस जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत हेतु जिला मुख्यालय उज्जैन सहित समस्त तहसील विधिक सेवा समितियों क्रमश: खाचरौद, नागदा, तराना, महिदपुर व बडऩगर में 47 खण्डपीठ का गठन किया गया तथा समस्त न्यायालयों द्वारा लम्बित समझौता योग्य लगभग 5565 प्रकरण रैफर किये गये, जिनमें लगभग एक हजार प्रकरणों में राजीनामा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी सचिव एवं अतिरिक्त जिला न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शशिकांत वर्मा द्वारा दी गई।
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