इंदौर (Indore)। पॉक्सो एक्ट और रेप के ज्यादातर मामलों में पुलिस अब डीएनए टेस्ट करवाती है, लेकिन कई नई लैब खुलने के बाद भी रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। इंदौर की राऊ लैब में 450 से अधिक रिपोर्ट पेंडिंग चल रही हैं। कुछ सालों से शासन के आदेश के चलते पॉक्सो एक्ट और रेप के लगभग हर केस में पुलिस संदिग्ध आरोपियों का डीएनए टेस्ट करवाती है, जो प्रमुख सबूत होता है। इंदौर में राऊ लैब में डीएनए टेस्ट होता है, लेकिन यहां इंदौर के अलावा धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर सहित कई जिलों में दर्ज अपराधों के सैंपल भी भेजे जाते हैं।
कई मामलों में तीन से अधिक सैंपल की जांच होना होती है। इसके चलते रिपोर्ट आने में देरी होती है और मामले भी उलझे रहते हैं। वर्तमान में इस लैब में 450 से अधिक डीएनए रिपोर्ट पेंडिंग चल रही हैं। हालांकि पहले यह आंकड़ा काफी अधिक होता था, लेकिन कुछ सालों में ग्वालियर और इंदौर में लैब शुरू होने से इसमें कमी आई है। पहले भोपाल में एकमात्र लैब थी। हालांकि इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। अब जबलपुर में भी नई लैब खोलने की तैयारी है। बताते हैं कि भोपाल लैब में तो वर्तमान में आठ हजार से अधिक रिपोर्ट पेंडिंग चल रही हैं।
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