इंदौर। प्रदेश में वर्ष 2014 से वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी की व्यवस्था लागू की गई थी। तब से हर वाहन मालिक अपने वाहन की श्रेणी के नंबर की तय न्यूनतम कीमत पर बोली लगाकर नंबर ले सकता है, लेकिन ज्यादातर श्रेणियों में वाहन मालिकों में वीआईपी नंबरों के लिए उत्साह ना होने के कारण ये नंबर बिक नहीं पाते हैं और ज्यादातर नंबर कार और बाइक की सीरीज में ही बिकते हैं। इस समय इंदौर आरटीओ में 42799 वीआईपी नंबर उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं।
आ सकती हैं कुछ तकनीकी दिक्कतें
इस व्यवस्था को लागू करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं। जैसे दो और तीन पहिया वाहनों के लिए 0001 नंबर की न्यूनतम कीमत जहां 20 हजार रुपए है, वहीं कार सहित अन्य बड़े वाहनों के लिए यह कीमत एक लाख रुपए है। ऐसी स्थिति में विभाग कैसे अलग श्रेणी के वाहनों के लिए अलग कीमत तय करेगा, यह बड़ी चुनौती होगी। अगर ज्यादा कीमत चुकाने वाले को नंबर देने में प्राथमिकता मिलती है तो दो पहिया सहित अन्य वाहन मालिकों के लिए वीआईपी नंबर लेना मुश्किल भी हो सकता है। विभाग अभी इन सभी बातों को लेकर योजना तैयार कर रहा है।
अन्य राज्यों में भी लागू है ऐसी व्यवस्था
सभी वाहनों को एक ही सीरीज से नंबर जारी करने की व्यवस्था देश के कई राज्यों में लागू है। मध्यप्रदेश में भी इस व्यवस्था को लागू किए जाने की योजना है। इसे लेकर मुख्यालय स्तर पर तैयारी की जा रही है। इससे जुड़े कुछ तकनीकी मुद्दों को हल करने के साथ ही इसे लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने से लोगों के लिए वीआईपी नंबर लेना ज्यादा आसान हो जाएगा। विभाग को भी ज्यादा राजस्व मिल सकेगा।
जितेंद्र सिंह रघुंवशी,
आरटीओ इंदौर
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