उज्जैन। इस बार लोकसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या अधिक है और बेरोजगारी की समस्या भी विकराल रूप धारण कर चुकी है। 40 वर्ष से कम उम्र के पौने चार लाख मतदाता हैं।
उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहाँ 18 वर्ष से लेकर 119 साल तक के मतदाता हैं लेकिन इनमें सबसे अधिक संख्या 30 से लेकर 39 वर्ष तक की आयु वर्ग के मतदाताओं की है। यह मतदाता जिस किसी भी उम्मीदवार के साथ गए तो उसकी जीत या अच्छा मुकाबला दर्ज हो सकता है। बात की जाए 30 से 39 उम्र वर्ग के मतदाताओं की संख्या की पूरे लोकसभा में लगभग 4 लाख 25 हजार से अधिक वोट इसी उम्र वर्ग के हैं जो लगभग 23 से 24 प्रतिशत के आसपास होती है और देखा जाए तो पुराने समय में दोनों पार्टी के उम्मीदवारों को 35 से 45 प्रतिशत तक मत मिलते हैं उस लिहाज से यह आंकड़ा काफी बड़ा है। उज्जैन दक्षिण विधानसभा में इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, यहाँ पर 66 हजार 65 मतदाता इस आयु वर्ग के हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 33287 और पुरुषों की संख्या 32773 है, वहीं सबसे कम इस वर्ग के मतदाता तराना क्षेत्र में है। यहाँ 44695 मतदाता इस वर्ग के हैं। इस प्रकार उज्जैन उत्तर में इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 58509, घटिया विधानसभा में 54137, महिदपुर विधानसभा में 53615 और बडऩगर विधानसभा में 49131 हैं। ऐसे इस वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 380820 है और इसमें आलोट विधानसभा के लगभग 40 हजार मतदाता भी मान लिया जाए तो यह आंकड़ा करीब 4 लाख 25 हजार पर पहुँचता है और उज्जैन-आलोट लोकसभा में कुल वोटरों की संख्या 17 लाख 72 हजार है। ऐसे में यह आंकड़ा करीब 23 से 24 प्रतिशत होता है जो किसी उम्मीदवार की जीत में अहम हो सकता है। जिस किसी भी उम्मीदवार को लंबी लीड लेना है या चुनाव जीतना है उसको इस वर्ग के मतदाताओं को अपनी ओर खींचना होगा तभी लंबी जीत दर्ज हो पाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved