इंदौर। इंदौर को भिक्षामुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी समीक्षा कल कलेक्टर आशीष सिंह ने की। साथ ही तय किया कि जो 7 दल शहर में बनाए गए हैं उनमें अब पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। वहीं अभी तक 300 से अधिक जो परिवार भीख मांगते मिले उन्हें समझाइश दी गई और 112 बच्चों को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया। अब चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से भी भिखारियों पर निगाह रखी जाएगी और स्मार्ट सिटी कार्यालय में जो कंट्रोल रूम है उससे इसकी मॉनीटरिंग होगी।
कलेक्टर सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब बाल भिक्षुकों के साथ ही बड़ी उम्र के भिक्षुकों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। भिक्षुकमुक्त शहर बनाने के अभियान को और अधिक गति देकर प्रभावी बनाया जाएगा। भिक्षावृत्ति से मुक्त बच्चों और अन्य भिक्षुकों के शिक्षण, प्रशिक्षण, रोजगार और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। भिक्षावृत्ति पर कार्रवाई के लिए गठित दल में अब पुलिस भी साथ रहेगी। नगर निगम का कर्मचारी भी दल में रहेगा। डीएसपी स्तर के अधिकारी पुलिस व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे। साथ ही भिक्षावृत्ति पर निगरानी की व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाते हुए स्मार्ट सिटी कार्यालय द्वारा कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।
इस कंट्रोल रूम के माध्यम से चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भिक्षावृत्ति पर निगरानी होगी। यह जानकारी कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा भिक्षुकमुक्त शहर बनाए जाने के संबंध में ली गई समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में स्मार्ट सिटी मिशन के सीईओ दिव्यांक सिंह, अपर कलेक्टर गौरव बैनल, सपना लोवंशी, डीसीपी हंसराज सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि बाल भिक्षुकमुक्त करने के अभियान को आशातीत सफलता मिली है। इस अभियान को निरंतर चलाए जाने की जरूरत है। साथ ही कलेक्टर आशीष सिंह ने अभियान का दायरा बढ़ाते हुए अब बड़े उम्र के भिक्षुकों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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