उज्जैन। एक वर्ष पहले जिले में डेंगू महामारी ने खूब कहर ढाया था। तब उज्जैन में भी 1 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। डेंगू के कारण कुछ मौतें भी हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर से जिलों को डेंगू के प्रति सतर्क रहने का कहा है। मलेरिया विभाग ने इस साल टारगेट से 14 प्रतिशत ज्यादा जांचें की है, लेकिन अभी तक डेंगू का एक भी केस सामने नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गत वर्ष डेंगू ने भी खूब परेशान किया था। उज्जैन में भी 1 हजार के लगभग लोग इस बीमारी की चपेट में आए थे। स्थिति यह हो गई थी कि डेंगू पीडि़तों में प्लेटलेट्स की कमी के लिए जरूरी रक्त की कमी जिला अस्पताल की ब्लड बैंक से लेकर अन्य ब्लड बैंकों में कमी आ गई थी। डेंगू के कारण जिले में पिछले साल कई मौतें भी हुई थी। जिला मलेरिया अधिकारी आर.एस. जाटव ने अग्निबाण को बताया कि पिछले वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस बार विभाग ने पूरी सतर्कता बरती है।
जिले को इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकन गुनिया की तत्काल पहचान तथा बीमारी पर नियंत्रण के लिए 2 लाख 14 हजार 479 संदिग्ध मरीजों की जांच का लक्ष्य दिया गया था, परंतु विभाग ने इस वर्ष लक्ष्य से अधिक 2 लाख 45 हजार 270 नमूनों की जांच की। अच्छी बात यह रही कि इनमें किसी भी मरीज में डेंगू, मलेरिया या चिकन गुनिया के लक्षण नहीं मिले। साल की शुरूआत से अब तक उज्जैन जिला डेंगू मुक्त रहा है। इधर बीती रात प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंगू को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस पर जिला मलेरिया अधिकारी श्री जाटन ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारी तैयारी पूरी है।
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