इंदौर। हुकमचंद मिल (Hukumchand Mill) की जमीन (Land) पर कल एक साथ 200 से अधिक लोग बांस-बल्ली और लोहे की चद्दर लेकर पहुंचे और कब्जा जमा लिया। वहां रह रहे मजदूरों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन धमकी देकर उन्हें वहां से भगा दिया। इस मामले में कई बार मजदूरों की एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संबंधित थाने और पुलिस को फोन लगाए, लेकिन कोई नहीं आया। बाद में शाम को मिल मजदूर समिति के पदाधिकारी डीआईजी से मिले और उनसे मिल की जमीन से कब्जे हटाने की मांग की।
हुकमचंद मिल की जमीन का फैसला होने के बाद भी मिल मजदूरों को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। मिल मजदूरों ने पिछले सप्ताह जुलूस निकालकर संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपा था। कल मिल की जमीन पर अचानक 200 से अधिक लोग पहुंचे और अंदर घुसकर अलग-अलग बांस-बल्लियां ठोंककर कब्जा जमा लिया। इसके पहले भी कई लोगों ने वहां कब्जा जमाकर कच्चे मकान बना लिए। कल लोगों की भीड़ पहुंची तो वहां कुछ मजदूर बैठे थे, लेकिन उन्हें धमकाकर भगा दिया गया। हुकमचंद मिल मजदूर कर्मचारी अधिकारी समिति के प्रधानमंत्री हरनामसिंह धारीवाल (Harnam Singh Dhariwal) ने बताया कि जैसे ही हमें सूचना मिली तो हमने डॉयल 100 पर फोन लगाया, लेकिन कोई भी नहीं आया। क्षेत्रीय थाने को सूचना भी दी, लेकिन किसी की मदद नहीं मिली और लोगों ने यहां अपना कब्जा जमा लिया। शाम को डीआईजी मनीष कपूरिया (DIG Manish Kapoor) से मिलने धारीवाल के साथ समिति के किशनलाल बोकरे, नरेन्द्र श्रीवंश और अन्य मजदूर पहुंचे और शिकायत की कि मिल की जमीन मजदूरों की है और इस मामले में न्यायालय द्वारा फैसला भी दिया जा चुका है। इस मामले में निगम के अधिकारियों को भी कई बार अतिक्रमण की जानकारी दी, लेकिन उनकी ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। समिति ने जिला प्रशासन (District Administration) और निगम के अधिकारियों से यहां लगातार हो रहे अतिक्रमण को रोकने की मांग की है।
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