उज्जैन। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान जहाँ एक ओर प्रापर्टी बाजार ठंडा पड़ गया था, वहीं तीसरी लहर में इसमें अच्छा खासा उछाल देखा जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी नए साल की शुरुआत से रजिस्ट्रार कार्यालय में लगभग 2 करोड़ से ज्यादा की रजिस्ट्रियाँ रोज हो रही है। एक दिन पहले भी यहाँ 2 करोड़ से ज्यादा का राजस्व रजिस्ट्रियों के जरिये विभाग ने प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की शुरुआत 23 मार्च 2020 से हुई थी। इसके बाद 100 दिन का लॉकडाउन लगा था। इस अवधि में पूरे समय अन्य विभागों की तरह रजिस्ट्रार विभाग में भी कामकाज बंद रहा था। इसके उपरांत दूसरी लहर ने फिर 2021 के मार्च से लेकर मई तक खूब कहर ढाया था और उस दौरान भी 60 दिन का लॉकडाउन लगा था।
इसके चलते भी प्रापर्टी बाजार में मंदी छा गई थी। परंतु प्रापर्टी बाजार से जुड़े विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खासकर उज्जैन में प्रापर्टी बाजार में कोई खास असर नहीं रहा है। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक उज्जैन में प्रापर्टी की लगातार खरीदी-बिक्री हो रही है। रजिस्ट्रार कार्यालय में कल दिनभर में 150 से 175 दस्तावेजों का पंजीयन प्रापर्टी खरीदने वालों ने करवाया। इससे एक ही दिन में रजिस्ट्रार विभाग को 2 करोड़ से ज्यादा की आय हुई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि शहर में चल रहे नए निर्माण और शासन की कई योजनाओं के चलते भी प्रापर्टी बाजार में तेजी देखी जा रही है। शहर के कई इलाकों में शासन ने पिछले एक साल में जमीनें अधिग्रहित की हैं, इसके एवज में शासन ने प्रभावित लोगों को करोड़ों रुपए का मुआवजा भी दिया है। शहरी तथा भीड़ भरे क्षेत्रों से जमीन जाने तथा इसके एवज में मुआवजा प्राप्त कर चुके लोग भी उज्जैन में अन्य स्थानों पर जमीन खरीदने में रूचि ले रहे हैं। यही कारण है कि इस साल 1 जनवरी से लेकर 27 जनवरी के बीच रजिस्ट्रार कार्यालय में रोजाना 150 से 175 दस्तावेजों का पंजीयन लोग करा रहे हैं। इससे विभाग को रोजाना डेढ़ से 2 करोड़ तक की राजस्व प्राप्ति हो रही है। यही कारण है कि तीसरी लहर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी उज्जैन में अच्छी खासी प्रापर्टी की खरीदी बिक्री बनी हुई है।
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