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    तुलसी नगर के डेढ़ हजार से ज्यादा भूखंड अभी भी अवैध ही, और वैध को वैध कर बटोरी वाहवाही

  • August 23, 2024

    • सडक़, नाले, बगीचे, नजूल सहित सीलिंग में उलझी जमीनों के भूखंडधारी अब भी अधर में
    • 75 एकड़ पर मंजूर हुए 10 अभिन्यासों में किया फर्जीवाड़ा

    इंदौर (Indore)। पीपल्याकुमार और निपानिया की 77 एकड़ पर विकसित की गई तुलसी नगर कॉलोनी 2017 तक वैध थी और उसके बाद जब पुलिस, प्रशासन, निगम और सहकारिता विभाग ने इसकी जांच की तो पता चला कि 75 एकड़ पर मंजूर 10 अभिन्यासों में जबरदस्त फर्जीवाड़े किए गए और नजूल, सीलिंग, नाले, सडक़, बगीचे सहित अन्य जमीनों पर भी कॉलोनाइजर शिव अग्रवाल ने भूखंड काटकर बेच दिए। नतीजतन पूरे तुलसी नगर को ही अवैध कॉलोनी घोषित कर दिया, जिसके चलते 2100 से अधिक भूखंड भी अवैध हो गए, जिनको वैध करवाने की कवायद बीते 7-8 सालों से चल रही है और कल निगम ने 535 भूखंडों को वैध घोषित कर वाहवाही भी बटोर ली।

    हकीकत में नगर निगम ने जिन 535 भूखंडों को वैध घोषित किया है दरअसल वे शुरू से ही वैध ही थे। मगर गेहूं के साथ घुन पीसाने की तर्ज पर जो फर्जीवाड़ा प्रशासन ने पकड़ा उसके चलते पूरी कॉलोनी अवैध घोषित हो गई। उसमें ये वैध भूखंड भी शामिल हो गए और इनके मालिक इतने सालों तक परेशान होते रहे। कुछ समय पूर्व जब शासन निर्देश पर अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की गई तो तुलसी नगर संघर्ष समिति ने इसके भी प्रयास शुरू किए और विधायक महेन्द्र हार्डिया, महापौर पुष्यमित्र भार्गव से लगातार मुलाकात की और कल 535 भूखंडों को वैध करने का नोटिफिकेशन निगम ने जारी किया।


    मगर महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 7 साल पहले तक तुलसी नगर पूरी तरह से वैध था और तत्कालीन संभागायुक्त संजय दुबे द्वारा जब तुलसी नगर की गहन जांच करवाई तो उसके बाद जो फर्जीवाड़ा मिला उसके चलते सभी 2100 से अधिक भूखंड अवैध हो गए। दरअसल यह पूरा संघर्ष डेढ़ हजार से अधिक अवैध भूखंडों को वैध करवाने का ही था। मगर चूंकि सडक़, नाले, बगीचे, नजूल सहित सीलिंग जमीनों पर काबिज इन भूखंडों को वर्तमान नियमों के मुताबिक वैध नहीं किया जा सकता लिहाजा ये आज तक अवैध ही हैं और पहले से जो 535 भूखंड वैध थे उन्हें फिर से वैध कर नगर निगम के कर्ताधर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने वाहवाही बटोर ली। दरअसल, तुलसी नगर 77 एकड़ पर विकसित हुई है और इसके कुल 11 अभिन्यास अलग-अलग कॉलोनाइजर ने मंजूर करवाए। जिस तरह कई गृह निर्माण संस्थाओं में घोटाले हुए उसी तरह तुलसी नगर विकसित करने वाली माँ सरस्वती गृह निर्माण संस्था पर काबिज पदाधिकारियों ने ये फर्जीवाड़े किए। हालांकि कालोनाइजर शिव अग्रवाल के खिलाफ कई मर्तबा एफआईआर भी दर्ज हो गई और जेल यात्रा भी कर ली।

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