उज्जैन। जिला अस्पताल की कैंसर यूनिट में पिछले दो साल में रजिस्ट्रेशन कराकर कैंसर का उपचार कराने आ रहे मरीजों की संख्या 1500 से ज्यादा बढ़ गई है। यहाँ उपचार सुविधाओं के अभाव के बाद भी प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी मरीज उपचार कराने के लिए आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 के दौरान पुराने सख्याराजे प्रसूति गृह में कैंसर यूनिट की शुरुआत की गई थी। उसके बाद से लेकर 4 फरवरी 2020 तक कैंसर यूनिट में कुल 3617 मरीज उपचार के लिए रजिस्टर्ड किए जा चुके थे, वहीं नवम्बर 2020 तक यह संख्या बढ़कर 4140 तक पहुँच गई थी। इसमें 523 मरीजों का इजाफा हुआ था।
फरवरी में इनमें से कीमोथैरेपी के मरीज 1176 थे जो आज 174 बढ़कर 1350 तक पहुँच गए थे। इसके अलावा अभी गंभीर अवस्था अर्थात पेलेटिव केयर के मरीजों की संख्या 300 हो गई थी। सामान्य तथा शुरुआती लक्षण वाले मरीजों का कैंसर यूनिट की ओपीडी में उपचार किया जाता है। कोरोना काल के दौरान स्थानीय मरीज जो मुंबई, अहमदाबाद या अन्य राज्यों में जाकर उपचार करा रहे थे, वे भी अभी यहीं उपचार करा रहे थे। उसके बाद से लेकर अब तक कैंसर यूनिट में मरीजों की संख्या 5 हजार 100 के पार हो गई है। कुल मिलाकर पिछले दो साल में कैंसर यूनिट में 1583 नए मरीज और उपचार के लिए आ गए हैं। यूनिट प्रभारी डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इनमें से प्रायमरी स्टेज वाले कई मरीज उपचार के बाद ठीक भी हुए हैं।
तीसरी स्टेज तक के ठीक हो जाते हैं मरीज
डॉक्टरों के मुताबिक कैंसर बीमारी की चार स्टेज मानी गई हैं। इसमें पहली से लेकर दूसरी और तीसरी स्टेज तक के मरीज उपचार के बाद ज्यादातर ठीक हो जाते हैं लेकिन चौथी स्टेज में 6 माह से 7 साल तक मरीज को इम्यूथैरेपी के जरिये जिंदा रखा जा सकता है। ऐसे मरीजों की आवश्यकता पडऩे पर सर्जरी करनी पड़ती है। कीमोथैरेपी की 6 सायकल तक लेनी पड़ती है। इसके अलावा रेडियो थैरेपी और ब्रेकीथैरेपी के जरिये भी एक से लेकर 4 स्टेज तक के मरीजों का उपचार किया जाता है।
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