भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए अहम उपचुनाव में ग्वालियर- चंबल अंचल की 13 विधानसभा सीटों पर देश की सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के रणबांकुरे भी अपनी भागीदारी निभाएंगे। दरअसल, ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले की 10 विधानसभा सीटों के लगभग 14 हजार मतदाता सैन्य बल में हैं। इन्हें इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) से मत पत्र (हाईटेक चि_ी) भेजे गए हैं। इससे वे अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधि का चुनाव कर सकेंगे। मुरैना जिले के युवाओं को सेना की सेवा से अटूट प्रेम है, इसलिए सबसे ज्यादा सर्विस वोटर भी सेना के जवान हैं।
यहां अकेले अंबाह विधानसभा क्षेत्र से ही 4000 सर्विस वोटर सेना में हैं। यह आंकड़ा मप्र में सर्वाधिक है। देश में रहने वाले हर मतदाता की भागीदारी चुनाव में हो, इसके लिए नौकरी के कारण हजारों कोस दूर बैठे मतदाताओं से भी मतदान के लिए सर्विस वोट की व्यवस्था है। निर्वाचन आयोग के रिकार्ड के अनुसार मुरैना में उपचुनाव वाली पांचों विधानसभा सीटों जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह में कुल 8633 सर्विस वोटर हैं। इनमें 122 महिला और 8511 पुरुष हैं। पुरुष सर्विस वोटर में से 90 फीसदी सेना के अधिकारी या जवान हैं। सर्विस वोटर की यह संख्या इतनी है कि कई चुनाव में हार-जीत का अंतर इससे भी आधा रहा है। ऐसे में ईटीपीबीएस में चुपचाप आ रहे ये वोट इस चुनाव में निर्णायक भी साबित हो सकते हैं हालांकि इन मतदाताओं के बारे में कोई भी प्रत्याशी नहीं सोच रहा है।
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