इंदौर (Indore)। अभी तक मोटर मैकेनिक का काम पुरुष ही करते हैं। मगर इंदौर में 100 से अधिक महिलाओं का गैरेज भी खुल गया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस गैरेज में सारा काम महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। 10 से 15 हजार और उससे भी अधिक की मासिक कमाई इन महिला मैकेनिक को हो रही है। अभी दुपहिया वाहन सुधारने का प्रशिक्षण दिया गया है। पिपल्याहाना, हवा बंगला और पालदा में ये महिला गैरेज संचालित किए जा रहे हैं, जहां पर 20 से 25 महिलाएं नियमित रूप से वाहन सुधार के काम में जुटी हैं।
इस संस्था के डायरेक्टर श्री राजेन्द्र बंधु बताते है कि समान सोसायटी (समानता और बदलाव की पहल) द्वारा महिला गैरेज यांत्रिकी की स्थापना जनवरी 2022 में की गई। संस्था के माध्यम से पिपल्याहाना, हवा बंगला और पालदा में महिला गैरेज संचालित किये जा रहे है, जिसके माध्यम से 20 से 25 महिलाएं नियमित रूप से कार्य कर रही है तथा संस्था की ओर से करीब यहां काम सीखने के बाद 100 से अधिक महिलाओं को प्रतिष्ठित दो पहिया वाहन कंपनियों के सर्विस सेन्टरों में प्लेसमेंट कराया गया। फर्म और सोसायटी एक्ट के तहत पंजीबद्ध संस्था के माध्यम से इस महिला गैरेज की स्थापना की गई है। संस्था के माध्यम से सेफ सिटी और आईसीडीएस विभाग से समन्वय करते हुए महिला जन जागरूकता और सशक्तिकरण के प्रयासों में सहयोग किया जाता है। उन्होंने बताया हमारी सोच है कि महिलाएं स्वयं कंपनी का संचालन करते हुए अन्य वाहन कंपनियों की डीलरशिप लेकर काम करें। महिला मैकेनिक गैरेज के माध्यम से समाज में यह संदेश देने का प्रयास है कि जेंडर के आधार पर काम का बंटवारा नहीं किया जा सकता है। महिलाएं पुरूषों के समान हर काम कर सकती है।
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