नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine) के बीच युद्ध(War) जैसे हालात हैं. रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास (Donbass of Eastern Ukraine) के विद्रोहियों के कब्जे वाले दो इलाकों (two areas held by the rebels) को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का ऐलान किए जाने के बाद दुनियाभर में हलचल बढ़ गई है. ब्रिटेन (UK) और अमेरिका (US) जैसी वैश्विक ताकतों ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है, वहीं यूरोपीय संघ भी प्रतिबंध लगाने के मसले पर सहमत है. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) ने भी कहा है कि रूस को यूएन चार्टर का पालन करना चाहिए. इन सबके बीच रूस के तेवर नरम पड़ते नहीं दिख रहे.
रक्षात्मक हुआ अमेरिका
रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के दो इलाकों को स्वतंत्र देश का दर्जा दिए जाने के बाद अमेरिका ने आक्रामक तेवर दिखाए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ने कहा था कि रूस का ये कदम बगैर जवाब के नहीं जाना चाहिए. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जब यूक्रेन संकट को लेकर राष्ट्र को संबोधित करने की बात कही, तब दुनियाभर में हलचल बढ़ गई कि बाइडेन कौन सा ऐलान करने वाले हैं. बाइडेन जब संबोधित करने आए थे रक्षात्मक मोड में नजर आए.
यूक्रेन को जारी रहेगी हथियारों की आपूर्ति
जो बाइडेन ने यूक्रेन के साथ एकजुटता प्रकट की और कहा कि हम सभी रूस की ओर से अग्रेशन की स्थिति में जवाब देने के लिए एकजुट हैं. साथ ही ये भी जोड़ा कि अमेरिका, रूस के साथ जंग नहीं चाहता. उन्होंने कहा कि युद्ध टालने की कोशिशें अभी भी जारी हैं. हम स्थिरता चाहते हैं. हम रक्षात्मक कदम उठा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये जरूर कहा कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रहेगी. नाटो देशों की सुरक्षा की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का भी ऐलान किया और साथ ही ये भी जोड़ा कि रूस के हर कदम पर उनकी नजर है. बाइडेन ने रूस के हालिया कदम को यूक्रेन पर हमले की शुरुआत बताया.
नाटो का दावा- हमले की योजना पर काम कर रहा रूस
नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टॉल्टेनबर्ग ने दावा किया है कि रूस अब भी यूक्रेन पर हमले की योजना पर काम कर रहा है. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने जर्मनी की ओर से नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के अप्रूवल प्रॉसेस पर रोक लगाने के निर्णय को सही बताया है. उन्होंने कहा कि यूरोप को अपनी ऊर्जा आपूर्ति में विविधता लाने की जरूरत है. दूसरी तरफ, ब्रिटिश सरकार की ओर से रूस के खिलाफ और कदम उठाए जाने के संकेत देते हुए कहा गया है कि यूके गवर्नमेंट का एक्शन बस पीएम जॉनसन की ओर से की गई घोषणा तक ही सीमित नहीं है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved