इंदौर। नगर निगम में करोड़ों का भुगतान नहीं होने की सूरत में आत्महत्या करने वाले नामी ठेकेदार पप्पू भाटिया के 100 से अधिक कर्मचारियों ने कलेक्टर का घेराव किया। जनसुनवाई में पहुंचे आवेदकों ने बताया कि वह लंबे समय से पेटी कांट्रेक्टर के रूप में ठेकेदार के साथ काम करते आए हैं, लेकिन अब उनके बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मनोज पिता रमेश चौहान ने अमरजीतसिंह भाटिया के साथ पेटी कांट्रेक्टर के रूप में कार्य करने का हवाला दिया और बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा व अन्य कार्य के लिए निगम से 7 लाख 58 हजार रुपए की मांग की, लेकिन ठेकेदार के आत्महत्या करने के बाद मजदूरों की स्थिति खराब हो गई है। लगातार सुपरवाइजर से संपर्क करने के बावजूद कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक अन्य आवेदक विपिन कुमायूं ने बताया कि वह भी सालों से ठेकेदार के साथ पेटी कांट्रेक्टर के रूप में कार्य कर रहा था। 3 लाख 17 हजार की राशि बकाया है। एक अन्य आवेदक अजय चौहान ने 11 लाख 44 हजार का हवाला देते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा और मजदूरी की मांग की। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि 100 से अधिक छोटे ठेकेदार हंै, जो ठेकेदार भाटिया के साथ काम करते रहे हैं। अब उन्हें उनके हक का पैसा नहीं मिल रहा है। कलेक्टर ने जल्द ही निगम के माध्यम से कार्रवाई कराकर राशि दिलाने की बात कही।
हर दिन दिया जा रहा पेमेंट
कलेक्टर ने आवेदकों को बताया कि हर दिन कुछ न कुछ पेमेंट किया जा रहा है। ठेकेदारों ने अपना पैसा लेने के लिए सुपरवाइजर द्वारा भटकाने की बात कही। तब कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द सूची का अवलोकन कर भुगतान करवाया जाएगा। ज्ञात हो कि निगम के ज्यादातर ठेके अमरजीत भाटिया द्वारा लिए गए हैं, जिनके भुगतान की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
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