इंदौर (Indore)। हुकुमचंद मिल (Hukumchand Mill) के 5 हजार से अधिक मजदूरों को हाईकोर्ट निर्देश पर जमा राशि का भुगतान किया जा रहा है। हाउसिंग बोर्ड ने लगभग साढ़े 400 करोड़ रुपए का चेक कुछ समय पूर्व सौंपा, जिसमें बैंकों की बकाया राशि के साथ-साथ लगभग 229 करोड़ रुपए मजदूरों के भी हासिल हुए। उसके बाद शासकीय समापक ने राशि देने की प्रक्रियाशुरू की और अभी तक 2825 जीवित मजदूरों के अलावा 405 विधवा महिलाओ के खातों में जमा पूंजी आ चुकी है। हुकुमचंद मिल के अध्यक्षनरेन्द्र श्रीवंश का कहना है कि लम्बा संघर्ष मजदूरों को अपनी जमा पूंजी हासिल करने में लगा और अब भी कई आवेदन फार्म छोटी-मोटी त्रुटि निकालकर रोक दिए, जिसके चलते हाईकोर्ट में फिर से गुहार करना पड़ी।
अभी तक 3230 मजदूरों के खातों में राशि जमा हो चुकी है, जो कि लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक की है। वहीं कुल 1400 विधवा महिलाएं हैं, जिनमें से 405 को तो राशि मिल गई। वहीं लगभग 1 हजार महिलाओं के आवेदनों की जांच चल रही है। इसी तरह लगभग एक हजार वारिस यानी बच्चे भी हैं, जिनमें से लगभग सवा सौ विवादित आवेदन निकले, उनका भुगतान अभी रोक दिया है और लगभग 795 वारिसों की सूची का प्रकाशन पिछले दिनों समाचार-पत्रों में किया गया, ताकि दावे-आपत्तियां प्राप्त हो सके और उसके आधार पर इन वारिसों के खातों में भी जमा राशि आ जाएगी। श्री श्रीवंश के मुताबिक 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 50 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हुआ था और महिलाओं के आवेदन फार्मों को विधिक अधिकारी द्वारा जांचा गया और उसके बाद ही इन्हें पैसा भी मिला। लिहाजा उन महिलाओं के आवेदनों को पहले मंजूर करवाया। आने वाले दिनों में बचे लोगों को भी राशि दिलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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