इंदौर। शहर में एक और बड़ा आयोजन यूरेशियन समूह की बैठक का इन दिनों चल रहा है, जिसके चलते वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के महत्वपूर्ण पद पर बैठे विवेक अग्रवाल यही मौजूद हैं, जो इंदौर के पूर्व कलेक्टर भी रह चुके हैं और उनके विशेष प्रयासों से ही यह बड़ा आयोजन शहर को मिला। कल अग्रिबाण ने उनसे इस आयोजन को लेकर विशेष चर्चा की, जिसमें श्री अग्रवाल ने बताया कि हर माह 1 लाख से अधिक संदिग्ध लेन-देन उजागर होते हैं, जिनकी जांच अलग-अलग स्तर पर काम करने वाली एजेंसियों को सौंपी जाती है।
थअंतर्राष्ट्रीय स्तर की तमाम एजेंसियों के साथ काम कर रहे श्री अग्रवाल ने बताया कि बैंकिंग फ्रॉड और साइबर क्राइम को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है और उसके साथ ही पुलिस थानों को वित्तीय मामलों को सुलझाने में सक्षम भी बनाया जाएगा, क्योंकि हमारे पास हर तरह के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी निरंतर प्राप्त होती है और इस पर ईडी, बैंकिंग सिस्टम सहित अन्य तरीकों से जानकारी ली जाती है। मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, साइबर क्राइम, बैंक फ्रॉड सहित अन्य संदिग्ध लेन-देन और स्त्रोतों को रोकना ही इस यूरेशियन समूह प्लेनरी का हिस्सा है। श्री अग्रवाल से जब यह पूछा गया कि इंदौर में यह बड़ा आयोजन कैसे हुआ, तो उन्होंने कहा कि इंदौर हमेशा से उनका पसंदीदा शहर रहा है और देश में पहली बार इस बैठक का आयोजन होना था, तो उनकी ओर से वित्त मंत्री से चर्चा की गई और फिर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी दोनों की सहमति इंदौर को लेकर मिल गई और चूंकि यहां पर पूर्व में भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, प्रवासी भारतीय सम्मेलन, जी-20 बैठक जैसे बड़े आयोजन हो चुके थे। इसलिए इंदौर को इस बैठक की मेजबानी भी सौंपी गई और वाकई सभी तैयारियां यहां पर बेहतर रही, जिसके लिए शासन और स्थानीय प्रशासन सहित पुलिस व अन्य सभी विभागों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे भगोड़ों को भी जल्द भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री अग्रवाल के मुताबिक भारत की वित्तीय अपराधों को रोकने में अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पकड़ मजबूत हुई है और आतंकी संगठनों पर भी रोक लगी है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved