उज्जैन। समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिए जिले के 1 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराए थे। इनमें से अभी तक लगभग 60 हजार किसानों ने ही स्लाट बुक कराए हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी की 24 दिन की अवधि में लगभग ढाई लाख मेट्रिक टन गेहूँ किसानों से खरीदा गया है। समर्थन मूल्य से अधिक दाम किसानों को मंडी में मिल रहे हैं। इस कारण किसान इस बार सरकारी बिक्री में कम रूचि ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के किसानों ने समर्थन मूल्य की खरीदी होने से पहले इस साल जिले में लगभग 4 लाख हेक्टेयर के दायरे में गेहूँ की फसल बोई थी। कृषि विभाग ने अनुमान लगाया था कि इस वर्ष जिले में गेहूँ का उत्पादन 19 लाख मेट्रिक टन के लगभग होगा।
85 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रहे भाव..इसके बावजूद भी शोषण जारी
इस बार समर्थन मूल्य पर किसान अनुमान से काफी कम मात्रा में अपनी उपज बेच रहे हैं। समर्थन मूल्य पर किसानों से 2015 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ खरीदी हो रही है। इधर मंडी में क्वालिटी के अनुसार किसानों से 1900 रुपए से लेकर 2100 रुपए तक व्यापारी गेहूँ खरीद रहे हैं। ऐसे में किसानों को समर्थन मूल्य की खरीदी से मंडी में लगभग 85 रुपए प्रति क्विंटल दाम अधिक मिल रहे हैं। यही कारण है कि किसान समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने से ज्यादा सीधे मंडी में जाकर व्यापारियों को अपनी उपज बेच रहे हैं। यही कारण है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी होने के बावजूद अभी भी मंडी में औसतन रोजाना 28 से 30 हजार बोरी गेहूँ रोज किसान बेचने आ रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved