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1 लाख से ज्यादा पंजीयन..60 हजार किसानों ने कराए स्लाट बुक

April 22, 2022

  • 24 दिन में समर्थन मूल्य पर करीब ढाई लाख मेट्रिक टन गेहूँ बेचा किसानों ने-समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम मिल रहे मंडी में

उज्जैन। समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने के लिए जिले के 1 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराए थे। इनमें से अभी तक लगभग 60 हजार किसानों ने ही स्लाट बुक कराए हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी की 24 दिन की अवधि में लगभग ढाई लाख मेट्रिक टन गेहूँ किसानों से खरीदा गया है। समर्थन मूल्य से अधिक दाम किसानों को मंडी में मिल रहे हैं। इस कारण किसान इस बार सरकारी बिक्री में कम रूचि ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के किसानों ने समर्थन मूल्य की खरीदी होने से पहले इस साल जिले में लगभग 4 लाख हेक्टेयर के दायरे में गेहूँ की फसल बोई थी। कृषि विभाग ने अनुमान लगाया था कि इस वर्ष जिले में गेहूँ का उत्पादन 19 लाख मेट्रिक टन के लगभग होगा।



इसी को देखते हुए जिले में इस साल समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी का लक्ष्य 7 लाख मेट्रिक टन रखा गया था। इसके लिए खरीदी शुरु होने से पहले किसानों के पंजीयन भी शुरु किए गए थे। पंजीयन की आखिरी तारीख तक जिले के 1 लाख 5 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया था। इधर खाद्य आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पंजीकृत 1 लाख से अधिक किसानों में से समर्थन मूल्य पर गेहूँ की उपज बेचने के लिए अभी तक करीब 60 हजार किसानों ने स्लाट बुक कराए हैं। इनमें से लगभग 31 हजार किसान समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर ढाई लाख मेट्रिक टन गेहूँ बेच चुके हैं। समर्थन मूल्य पर जिले में खरीदी 28 मार्च से शुरु हुई थी। ऐसे में 24 दिनों में जिले में किसानों ने समर्थन मूल्य पर करीब ढाई लाख मेट्रिक टन गेहूँ बेचा है। गेहूँ खरीदी के इस साल के सरकारी लक्ष्य से यह आंकड़ा काफी पीछे है।

85 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रहे भाव..इसके बावजूद भी शोषण जारी
इस बार समर्थन मूल्य पर किसान अनुमान से काफी कम मात्रा में अपनी उपज बेच रहे हैं। समर्थन मूल्य पर किसानों से 2015 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ खरीदी हो रही है। इधर मंडी में क्वालिटी के अनुसार किसानों से 1900 रुपए से लेकर 2100 रुपए तक व्यापारी गेहूँ खरीद रहे हैं। ऐसे में किसानों को समर्थन मूल्य की खरीदी से मंडी में लगभग 85 रुपए प्रति क्विंटल दाम अधिक मिल रहे हैं। यही कारण है कि किसान समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने से ज्यादा सीधे मंडी में जाकर व्यापारियों को अपनी उपज बेच रहे हैं। यही कारण है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी होने के बावजूद अभी भी मंडी में औसतन रोजाना 28 से 30 हजार बोरी गेहूँ रोज किसान बेचने आ रहे हैं।

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