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    मानसून की पहली बारिश में उज्जैन में बरसा 1 इंच से ज्यादा पानी

  • June 12, 2022

    • मंडी में खुले में पड़ ा हजारों क्विंटल अनाज भीगा
    • हाईराईज शेड में रखा गेहूँ भी बारिश से नहीं बच पाया
    • सुबह भी मंडी के गेट से लेकर परिसर में पानी भरा नजर आया

    उज्जैन। लंबे इंतजार के बाद शहरवासियों पर कल शाम आखिर मानसून मेहरबान हो गया और मानसून की पहली जोरदार बारिश हुई। लगभग साढ़े 3 घंटे हुई बारिश के चलते शहर में 1 इंच से ज्यादा बरसात हो गई। अचानक आई बारिश में मंडी खुले में रखा हजारों क्विंटल अनाज भीग गया। शेड में रखा गेहूँ भी बारिश से सुरक्षित नहीं रह पाया। मंडी में चारों ओर पानी भर गया। पिछले करीब डेढ़ माह से उज्जैनवासी 40 डिग्री पार की गर्मी झेल रहे थे। इस बार 25 मई को आरंभ हुई तथा 2 जून को समाप्त हुई नवतपा के दौरान भी प्री मानसून की बरसात नहीं हुई। हालांकि मौसम विभाग ने दावा किया था कि मालवा में 11 जून से मानसून मेहरबान होगा। सालों बाद उज्जैन के लिए मौसम विभाग की यह भविष्यवाणी सटीक बैठी और कल शाम 7 बजे से अचानक काले बादल घिरने लगे और देखते ही देखते बारिश होने लगी। तेज हवाओं के साथ बारिश का यह दौर रात साढ़े 10 बजे बाद तक चलता रहा। वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक कल शाम 7 बजे से लेकर आज सुबह 8 बजे तक उज्जैन शहरी क्षेत्र में वेधशाला में 26 मिलीमीटर अर्थात 1.02 इंच बरसात हो गई। मानसून के सीजन की पहली बारिश में ही बारिश का आंकड़ा 1 इंच को पार कर गया।



    कीचड़ और पानी में हुई सब्जी की नीलामी
    अनाज मंडी के अलावा कल रात हुई बारिश के कारण थोक सब्जी मंडी नीलामी स्थल पर भी सुबह परेशानियाँ नजर आई। यहाँ कीचड़ और भरे हुए पानी के बीच थोक सब्जी मंडी में नीलामी हुई। यहाँ किसानों से अव्यवस्थाओं के बीच ही सब्जियाँ खरीदी गई और रिटेल व्यवसायियों ने भी यहीं सब्जियाँ खरीदी।

    तिरपाल और शेड भी नहीं बचा सके मंडी में उपज
    कल शाम अचानक शुरु हुई बारिश के बाद मंडी में चारों ओर खुले में रखा व्यापारियों का गेहूँ और अन्य उपज की बोरियाँ भीग गई। कुछ लोगों ने मंडी परिसर में लगे गेहूँ की बोरियों के ढेर पर तिरपाल लगाकर पानी से बचाने का प्रयास किया लेकिन परिसर में घुटने से ऊपर पानी भर जाने के कारण आधार में रखी गेहूँ की बोरियाँ पूरी तरह भीग गई। इधर मंडी के सभी 11 हाईराईज शेड में भी किसानों का गेहूँ और अन्य उपज रखा हुआ था। यहाँ भी शेड के नीचे पानी भर जाने के कारण उपज भीगने से नहीं बच पाई। आज सुबह भी मंडी के प्रवेश द्वार से लेकर पूरे परिसर में पानी भरा नजर आ रहा था।

    गर्मी से मिली लोगों को राहत, किसान भी खुश
    पिछले लगभग 45 दिनों से उज्जैनवासी 42 डिग्री के आसपास की गर्मी झेल रहे थे। इतना ही नहीं रात का तापमान भी 28.5 डिग्री तक पहुँचने से रात में भी गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही थी। परंतु कल हुई बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में आज सुबह 5 डिग्री की गिरावट आ गई। एक दिन पहले रात का तापमान जो 28.5 डिग्री था वही आज सुबह घटकर 23.5 डिग्री पर आ गया। लंबे समय बाद लोगों ने कल शाम से लेकर आज सुबह तक गर्मी से राहत और ठंडक महसूस की। इधर किसानों ने भी इस बारिश के बाद सोयाबीन उपज की बोवनी को लेकर खुशी जाहिर की है। गत वर्ष जिले में 15 जून से सोयाबीन की बोवनी शुरु हो गई थी। इस बार भी यह समय पर शुरु हो सकेगी।

    अस्पताल परिसर में भी भरा पानी, कई वार्ड की छत टपकने लगी
    बारिश के दौरान कल शाम से ही जिला अस्पताल परिसर में पानी जमा हो गया था। आज सुबह भी मुख्य द्वार के सामने पानी भरा नजर आ रहा था। अस्पताल के कुछ वार्डों में भी बारिश के कारण छत से पानी टपक रहा था। इस कारण मरीजों के पलंग को इधर उधर करना पड़ा।

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