भोपाल। सड़क यात्रियों को अगले महीने से टोल प्लाजा पर अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। सरकार टोल टैक्स की दरों में 5 से 8 फीसदी तक इजाफा करने जा रही है। इससे निजी व व्यवसायिक वाहनों को अगल-अगल टोल टैक्स दरों के मुताबिक भुगतान करना होगा। सरकार सड़क हादसों में घायलों को मुफ्त इलाज (कैशलेस ट्रीटमेंट) देने की योजना को टोल टैक्स व्यवस्था से जोडऩे पर विचार कर रही है। इसके लागू होने पर टोल रोड पर चलना और मंहगा हो जाएगा। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देशभर में 563 टोल प्लाजा हैं। नियमत: थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनुपात में साल में एक बार टोल टैक्स की दरें बढ़ाई जाती हैं, लेकिन कुछ टोल प्लाजा की टोल टैक्स की दरें नए वित्तीय वर्ष यानी पहली अप्रैल से बढ़ाई जाती हैं। कई टोल प्लाजा में टोल टैक्स की दरों में पहली सितंबर से बढ़ोतरी होती है।
अधिकारी ने बताया कि यह एनएचएआई और कंपनी के साथ हुए मॉडल कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट (एमसीए) के अनुसार तय होता है। इस प्रकार साल भर में टोल की दरें दो बार बढ़ाई जाती हैं, लेकिन एक टोल प्लाजा पर साल में एक बार ही दरें बढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि एमसीए के मुताबिक इस साल भी एक सितंबर से तमाम टोल प्लाजा पर टोल की दरें बढ़ाई जा रही हैं।
मप्र में एनएचएआई के 36 टोल प्लाजा हैं। यहां पर एमसीए के अनुसार टोल बढ़ाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक निजी वाहनों पर 5-10 रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सड़क हादसों में घायलों को मुफ्त इलाज (कैशलेस ट्रीटमेंट) देने की घोषणा की है। इसमें हिट एंड रन केस व गैर बीमित वाहनों की टक्कर से घायलों के इलाज पर 2.5 लाख रुपए तक खर्च का बोझ सरकार उठाएगी। मंत्रालय पृथक मोटर व्हीकल एक्सीटेंट फंड बनाएगा और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) बतौर नोडल एजेंसी काम करेगी। इस योजना पर सालाना दो हजार करोड़ रुपए की दरकार होगी। इसलिए टोल टैक्स व्यवस्था को कैशलेस ट्रीटमेंट से जोडऩे की योजना है। इस साल 30 जून को जारी मसौदा अधिसूचना में सुझाव-आपत्ति मिलने के बाद मंत्रालय योजना को अंतिम रूप देगा। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में टोल टैक्स मद में 30,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। देशभर में एक लाख 40 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसमें से महज 24,996 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स लगाया जाता है। मंत्रायल का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में 75,000 किलोमीटर टोल रोड का निर्माण किया जाए। जिससे टोल टैक्स का सालाना राजस्व का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच सके। इस धन से देश में नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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