नई दिल्ली। लोन मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज से राहत के मामले में दिवाली से पहले करोड़ों लोगों को तोहफा मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ब्याजमाफी पर मुहर लगा दी है और इस पर भी हरी झंडी दे दी है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार क्या बात रखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था सरकार ब्याजमाफी के निर्णय को जल्द लागू करे। लोगों को मिले लोन मोरेटोरियम यानी किस्त भुगतान टालने के दौरान ब्याज पर ब्याज लगने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं पर पिछली सुनवाई 14 अक्टूबर को हुई थी और अब इस मामले में 2 नवंबर को सुनवाई है।
अब इस मामले में केंद्र सरकार को 2 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह बैंकों को खुद यह ब्याज चुकाएगी। सूत्रों ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मोरेटोरियम पर लगे ‘ब्याज पर ब्याज’ से लोगों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा भुगतान करने पर हरी झंडी दिखा दी है। इस पर सरकार को 5,500 से 6,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार बकाया लोन के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का भुगतान खुद करेगी। बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपये तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन सहित 8 सेक्टर पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
इसके पहले लोन मोरेटोरियम मामले में ब्याज पर ब्याज लगने के विरोध में याचिका पर 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ब्याजमाफी के निर्णय को जल्द लागू करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम आदमी की दिवाली कैसी होगी, यह सरकार के हाथ में है। कोर्ट ने सरकार को 2 नवंबर तक का समय दिया है कि वह इस मामले में अपडेट से कोर्ट को अवगत कराए कि सर्कुलर जारी हुआ या नहीं।
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