भोपाल। अक्टूबर माह में एक के बाद एक कम दबाव के क्षेत्र बनने से मानसून की विदाई टल गई है। सोमवार को भी दक्षिणी आंध्रा तट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस सिस्टम का मप्र के मौसम पर विशेष प्रभाव पडऩे की उम्मीद काफी कम है। संभवत: इस सप्ताह प्रदेश से मानसून विदा हो जाएगा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अमूमन प्रदेश से अक्टूबर के मध्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून विदा हो जाता है। इस बार मानसून की विदाई की शुरुआत अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने लगी थी, लेकिन ग्वालियर संभाग और रतलाम को छोड़कर कई स्थानों पर रुक-रुक कर बौछारें पडऩे का सिलसिला चलता रहा। इस वजह से मानसून की विदाई टल गई। अक्टूबर में इस बार सोमवार को आंध्रा तट क्षेत्र में बनने जा रहा सिस्टम इस माह का चौथा कम दबाव का क्षेत्र है। हालांकि इस सिस्टम का विशेष असर मप्र पर पडऩे की संभावना कम है। उधर, एक पश्चिमी विक्षोभ भी अफगानिस्तान से उत्तर भारत की तरफ बढ़ रहा है। मंगलवार को इसके उत्तर भारत में पहुंचने के आसार हैं। इससे हवाओं का रुख भी बदलेगा। मौसम साफ होने लगेगा और रात के तापमान में गिरावट होने लगेगी। संभवत: एक सप्ताह में मानसून के विदा होने की घोषणा भी कर दी जाएगी।
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