भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून भले ही 24 से 25 जून तक आए, लेकिन प्रदेश में आंधी और पानी का दौर जारी है। मंगलवार दोपहर 1 बजे भोपाल में बादल छाए गए। आधे घंटे बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई। राजधानी के कुछ हिस्सों में तेज पानी गिरा। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, मानसून 8 जून तक केरल पहुंच सकता है। इस कारण यह प्रदेश में भी देरी से पहुंचेगा। हालांकि, इस बीच प्रदेशभर में आंधी, बारिश और ओले गिरने की भी संभावना है।
प्रदेश में मानसून की एंट्री खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर के रास्ते हो सकती है। पिछले साल भी मानसून यहीं से आया था। पहले केरल में 4 जून और मप्र में 18 से 20 जून तक मानसून के आने का पूर्वानुमान जताया गया था, लेकिन मानसून लेट हो गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अब मानसून 4 दिन लेट हो जाएगा। इसका असर मध्यप्रदेश में भी पड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो इससे पहले 2018 में 26 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। इस बार यदि मानसून लेट होता है, तो पांच साल में पहली बार ऐसा होगा, जबकि मानसून 25 जून तक प्रदेश में आया हो। पिछले साल 16 जून को ही मानसून प्रदेश में एंटर हो गया था ओर 14 अक्टूबर तक बरसा था। मौसम वैज्ञानिक जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि मानसून के 24-25 जून तक प्रदेश में आने की संभावना है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-जबलपुर में भी होगी देरी
पिछले साल भोपाल में 20 जून को मानसून आ गया था। इंदौर में 17 जून, ग्वालियर में 30 जून और जबलपुर में 17 जून को मानसून ने एंट्री की थी। वहीं, 1 जुलाई को प्रदेश में मानसून पहुंच गया था। इस बार मानसून के लेट होने से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में भी मानसून देरी से एंटर होगा।
खंडवा, खरगोन-बुरहानपुर के रास्ते आएगा मानसून
प्रदेश में मानसून की एंट्री खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर के रास्ते हो सकती है। पिछले साल भी मानसून यहीं से आया था। बड़े शहरों में इंदौर-भोपाल में सबसे पहले आएगा, फिर जबलपुर और ग्वालियर में बादल बरसेंगे।
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