लखनऊ। उप्र की 17वीं विधान सभा के गुरुवार को द्वितीय सत्र (मानसून सत्र) शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए सत्र को कई मायनों में ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि इसमें विभिन्न मुद्दों पर सरकार को विपक्ष के साथ अपने लोगों के सवालों का भी जवाब देना होगा।
अखिलेश ने ट्वीट किया कि उप्र विधानसभा का ये सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। सरकार को कोरोना, बेकारी-बेरोजगारी, जातीय उत्पीड़न व बदहाल कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विपक्ष के साथ अपने लोगों के सवालों का भी जवाब देना होगा। भाजपा सरकार की ठोको-नीति सुलह के स्थान पर ‘आंतरिक कलह’ का कारण बन गयी है।
वहीं विधान मंडल के मानसून सत्र के पूर्वाह्न 11 बजे प्रारम्भ होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। हाथों में सरकार विरोधी नारों वाले बैनर और पोस्टर लिए इन विधायकों ने कानून व्यवस्था और रोजगार जैसे मुद्दों पर योगी सरकार के खिलाफ लगातार नारा भी लगाया।
समाजवादी पार्टी लगातार विभिन्न मुद्दों पर सरकार पर हमलावर तेवर अपने हुए है। सदन के दौरान भी उसके ऐसे ही तेवर देखने को मिल सकते हैं। वहीं पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल कहा कि उत्तर प्रदेश में गांव बेहाल है। कई जनपदों में नदियों में उफान से गांव के गांव डूब गए हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसान ओलावृष्टि, अतिवृष्टि का शिकार हो चुका है, उसे अपनी चौपट फसलों का अभी तक मुआवजा भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पशुधन का नुकसान अलग से हुआ है। जब चारों ओर तबाही मच गई है तब मुख्यमंत्री राज्य के जिलाधिकारियों से बैठक कर महज औपचारिकता निभाने की खानापूर्ति कर रहे हैं।
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