गाजियाबाद। गाजियाबाद में एक पांच वर्षीय बच्ची में मंकीपॉक्स (Monkeypox) बीमारी जैसे लक्षण मिलने का मामला सामने आया है। लड़की को उसके शरीर पर खुजली और चकत्ते की शिकायत के बाद उसका मंकीपॉक्स टेस्ट (Monkeypox Test) किया जा रहा है। इसकी सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेज दिए हैं।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने कहा कि टेस्ट सिर्फ एक एहतियाती उपाय है, क्योंकि लड़की को कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है, और ना ही उसका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट संपर्क है जिसने पिछले महीने विदेश यात्रा की है।
सीएमओ ने कहा कि एहतियाती उपाय के रूप में, पांच साल की बच्ची के नमूने को मंकीपॉक्स टेस्ट के लिए एकत्र किया गया है, क्योंकि उसके शरीर पर खुजली और चकत्ते की शिकायत थी। उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है और ना ही उसे और न ही उसके किसी करीबी संपर्क में पिछले एक महीने में विदेश यात्रा की है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक कहा कि गाजियाबाद में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला आया है। स्थिति की कड़ी निगरानी की जा रही है और नमूने आईसीएमआर एनआईवी पुणे भेजे गए हैं। बता दें कि, कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की बढ़ती रिपोर्टों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सक्रियता दिखाते हुए देशभर में अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए ‘मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश’ जारी किए थे।
दिशानिर्देशों के अनुसार, पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) या सिक्वेंसिंग द्वारा वायरल डीएनए की यूनिक सिक्वेंसिंग का पता लगाकर मंकीपॉक्स वायरस के लिए एक कन्फर्म मामले की पुष्टि की जाती है। दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सभी क्लीनिकलसैंपल्स को संबंधित जिले / राज्य के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के माध्यम से ICMR-NIV (पुणे) की लैब में भेजा जाना चाहिए।
दिशानिर्देशों के अनुसार, संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क से 21 दिनों की अवधि तक और लक्षणों की शुरुआत के लिए संपर्कों की कम से कम दैनिक निगरानी की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने आगे कहा कि मंकीपॉक्स को कई अन्य मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों जैसे कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोटे डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबॉन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य और सिएरा लियोन में एंडेमिक (Endemic) वाले के रूप में सूचित किया गया है।
हालांकि, कुछ नॉन एंडेमिक देशों में भी मामले सामने आए हैं जैसे- यूएसए, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इजराइल, स्विट्जरलैंड आदि। आधिकारिक तौर पर भारत में अब तक मंकीपॉक्स का कोई केस सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
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