नई दिल्ली: देश में मंकीपॉक्स बीमारी (monkeypox disease) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कोई नई बीमारी नहीं है. संसद में बोलते हुए हेल्थ मिनिस्टर (Health Minister) मनसुख मांडविया ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव निगरानी की जा रही है. कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के दौरान मिले अनुभवों को हम अपनाते हुए काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि, मंकीपॉक्स वायरस, कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता है क्योंकि नजदीकी संपर्क में आने पर ही इसका संक्रमण होता है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, मंकीपॉक्स भारत और दुनिया में कोई नई बीमारी नहीं है. 1970 के बाद से दुनिया में बहुत सारे मामले अफ्रीका में देखे गए हैं.
“जब दुनिया में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे, तभी भारत ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. केरल में पहला मामला मिलने से पहले हमने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए थे. हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी सरकारों को लिखा है कि यात्रियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट भी हमें भेजी जाए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में कहा कि, “मंकीपॉक्स को हमारे वैज्ञानिकों ने अलग-थलग कर दिया है और आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने भी ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ जारी किया है. जैसे कोविड के समय किया गया था, ताकि इसका टीका बनाया जा सके.
वहीं मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीजों को लगभग दो सप्ताह के लिए आइसोलेशन में रखने की सिफारिश करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि वायरस का अध्ययन करने के लिए एक केंद्रीय कार्य बल का गठन किया गया है और केरल को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है. बता दें कि केरल में सोमवार को देश में मंकीपॉक्स से मौत की पहली सूचना मिली है
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