नई दिल्ली(New Delhi) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)के कुलगाम(Kulgam) में हुई आतंकवादियों से मुठभेड़(Encounter with terrorists) में भारत के दो वीर सपूत शहीद(brave son martyr) हो गए थे। इनमें एक लांस नायक प्रदीव नएन और 1 राष्ट्रीय राइफल्स के प्रवीण जंजल थे। दुखद है कि आतंकियों का सामना करने से कुछ घंटों पहले ही जंजल की परिवार के लोगों से बात हुई थी और उन्होंने घर बनाने में मदद के लिए भेजे हुए रुपयों के बारे में जानकारी भी हासिल की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर जंजल ने महाराष्ट्र के अकोला जिले में रहने वाले परिवार से बात की थी। इस कॉल के जरिए वह पता करना चाहते थे कि UPI से भेजे हुए 49 हजार रुपये परिवार को मिले हैं या नहीं? दरअसल, यह राशि उनके नए घर के लिए निर्माण के लिए थी। अब खबर है कि महज दो घंटों के बाद ही परिवार को प्रवीण के शहीद हो जाने की खबर मिली।
प्रवीण का परिवार
मोरगांव के रहने वाले 25 साल के प्रवीण ने बड़े भाई सचिन से फोन पर बात की थी। अब अखबार से बातचीत में कजिन शैलेश गवई ने बताया है कि परिवार दुख में है। खबर है कि गांव में प्रवीण के पिता के पास डेढ़ एकड़ का खेत है। शैलेश ने बताया, ‘प्रवीण के पिता डेढ़ एकड़ के खेत में खेती करते हैं। यहां से उन्हें जो भी मिलता है, वह काफी नहीं होता है। वह अन्य लोगों के खेतों में भी काम करते हैं।’
उन्होंने बताया, ‘प्रवीण के सेना में भर्ती होने के बाद ही परिवार की स्थिति में कुछ सुधार हुआ था। प्रवीण और श्यामबाला की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ है।’ खास बात है कि सचिन और प्रवीण सेना में जाने के लिए एकसाथ ही तैयारी करते थे। शैलेश ने कहा, ‘प्रवीण का सिलेक्शन पहली बार में ही हो गया था। जबकि, उसका भाई अभी राज्य पुलिस की तैयारी कर रहा है।’
सेना में प्रवीण का सफर
प्रवीण दूसरी महार रेजिमेंट में शामिल हुए थे और बाद में राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा बने। अखबार से बातचीत में कजिन भाई बताते हैं, ‘कश्मीर में पोस्टिंग से पहले प्रवीण ने अरुणाचल प्रदेश में भी काम किया था।’ प्रवीण के पार्थिव शरीर को सोमवार सुबह गांव ले जाया जाएगा।
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